तौकीर रजा पर शिकंजा: बरेली में गिरफ्तारी के बाद अब 3 दशक पुराने कर्ज के लिए बैंक ने शुरू की संपत्ति वसूली की कार्रवाई!

Maulana bareli
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मौलाना ने अपनी बदायूं की अधिकांश संपत्ति पहले ही बेच दी है, इसलिए अब बैंक अन्य जिलों की संपत्तियों पर नजर बनाए हुए है।

मौलाना तौकीर रजा पर 1990 में कृषि कर्ज का बकाया है। बदायूं जिले की सहकारी बैंक ने खुलासा किया है कि मौलाना पर मूलधन ₹5,560 और ब्याज मिलाकर अब ₹28,386 से अधिक बकाया है।

बरेली : बरेली में हुए हालिया बवाल के आरोपी मौलाना तौकीर रजा की कानूनी और आर्थिक मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। यह मामला सिर्फ उनके विवादास्पद बयानों या आंदोलन तक सीमित नहीं है, बल्कि अब एक तीन दशक पुराने सहकारी बैंक कर्ज ने उनकी संपत्ति पर कुर्की का खतरा पैदा कर दिया है।

1990 का कृषि कर्ज और बकाया राशि

मौलाना तौकीर रजा मूल रूप से बदायूं जिले के गांव करतौली के निवासी हैं। उन्होंने वर्ष 1990 में रसूलपुर कुट्टी साधन सहकारी समिति से ₹5,560 का कृषि कर्ज लिया था, जिसका उपयोग उन्होंने खाद और बीज खरीदने में किया था। हालांकि, मौलाना ने न तो मूलधन चुकाया और न ही ब्याज अदा किया।

साल 1997 में बैंक की जाँच में यह कर्ज बकाया पाया गया, जबकि 1996 में राज्य सरकार द्वारा घोषित कर्जमाफी की योजना भी मौलाना के खाते पर लागू नहीं हुई थी। बैंक ने कई बार वसूली नोटिस जारी किए, लेकिन कथित तौर पर उनके राजनीतिक प्रभाव के कारण कोई भुगतान नहीं हुआ।

ब्याज सहित ₹28,386 का बकाया

हाल ही में बरेली में हुए बवाल के बाद जब मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया, तब जिला सहकारी बैंक ने उनकी पुरानी फाइलें खंगालनी शुरू कीं। जाँच में खुलासा हुआ कि मौलाना पर अब तक ₹5,560 मूलधन और ₹21,940 ब्याज को मिलाकर कुल ₹28,386 का बकाया हो गया है। बैंक अब इस राशि पर दो प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज लगाने की तैयारी कर रहा है।

बरेली स्थित घर पर चस्पा होगा वसूली नोटिस

जिला सहकारी बैंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरि बाबू भारती ने बताया कि बैंक ने अब इस कर्ज की वसूली के लिए सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके तहत, गुरुवार को एक टीम मौलाना के बरेली स्थित घर के लिए रवाना की गई है, जहां वसूली का नोटिस चस्पा किया जाएगा। अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यदि निर्धारित अवधि के भीतर भुगतान नहीं किया गया, तो उनकी संपत्ति कुर्क कर ली जाएगी।

बदायूं की संपत्ति पहले ही बेची, अब अन्य संपत्तियां निशाने पर

जांच में यह भी सामने आया है कि मौलाना तौकीर रजा ने कर्ज चुकाने से पहले ही बदायूं जिले में अपनी अधिकांश संपत्तियां बेच दी थीं। इसलिए, बैंक की नज़र अब उनकी बरेली और अन्य जिलों में मौजूद संपत्तियों पर है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी हरीबाबू भारती ने पुष्टि की है कि बैंक जहां भी संपत्ति मिलेगी, वहां कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।

वसूली अभियान ने पकड़ी रफ्तार, मामला शासन स्तर तक

बरेली बवाल के बाद, जिला सहकारी बैंक ने वसूली की इस पुरानी प्रक्रिया को प्राथमिकता पर रखा है और अभियान तेज कर दिया है। बैंक ने पुरानी फाइलों की रिपोर्ट राज्य मुख्यालय को भेज दी है। मौलाना का यह मामला अब शासन स्तर तक पहुंच चुका है। बदायूं और बरेली दोनों जिलों के राजस्व और पुलिस प्रशासन को भी इस वसूली प्रक्रिया में बैंक को सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वसूली की कार्रवाई अब सख्ती से आगे बढ़ेगी।


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