यूपी में अब 76 जिले: कल्याण सिंह के नाम पर नए जिले के गठन की कवायद तेज! जानिए कौन-कौन से क्षेत्र होंगे शामिल?

कल्याण सिंह की जन्मभूमि मढ़ौली और कर्मभूमि डिबाई है, जिससे इस मांग को स्थानीय और भावनात्मक समर्थन मिल रहा है।
लखनऊ डेस्क : उत्तर प्रदेश में एक नया जिला बनाने की तैयारी चल रही है, जो राज्य का 76वां जिला हो सकता है। यह नया जिला, जिसका नामकरण पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के नाम पर 'कल्याण सिंह नगर' प्रस्तावित है, अलीगढ़ और बुलंदशहर जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर बनाया जाएगा। इस संबंध में प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू हो गई है और राज्य सरकार के निर्देश पर राजस्व परिषद ने अलीगढ़ और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों से निर्धारित मानकों में आख्या तलब की है।
नए जिले के गठन की मांग और प्रस्तावित संरचना
इस नए जिले के गठन की मांग सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेटे और पूर्व सांसद राजवीर सिंह 'राजू' ने की थी। उन्होंने 1 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर यह प्रस्ताव दिया था। इस मांग के पीछे मुख्य कारण यह है कि अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों और महापुरुषों के नाम पर जैसे जिले बनाए गए हैं, उसी प्रकार कल्याण सिंह के नाम पर उनके गृह क्षेत्र को सम्मान दिया जाए। साथ ही, उनका मानना है कि इस कदम से पिछड़े क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी।
प्रस्ताव के अनुसार, 'कल्याण सिंह नगर' जिले की संरचना के लिए अलीगढ़ और बुलंदशहर की कुछ तहसीलों और क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा। प्रमुख रूप से, इसमें बुलंदशहर की डिबाई तहसील, अलीगढ़ की अतरौली तहसील और गंगीरी कस्बे को मिलाकर नया जिला बनाया जाना प्रस्तावित है। यह क्षेत्र कल्याण सिंह की जन्मभूमि मढ़ौली और कर्मभूमि डिबाई से भी जुड़ा रहा है, जिससे इस मांग को स्थानीय और भावनात्मक समर्थन मिल रहा है।
राजस्व परिषद ने मांगी विस्तृत रिपोर्ट
नया जिला बनाने की प्रशासनिक प्रक्रिया के तहत, राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव के प्रभारी अधिकारी राम कुमार द्विवेदी ने अलीगढ़ और बुलंदशहर के जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इस पत्र में नई तहसील और जिले के सृजन से संबंधित निर्धारित मानकों के आधार पर एक विस्तृत औचित्यपूर्ण आख्या कमिश्नर के माध्यम से परिषद को उपलब्ध कराने को कहा गया है।
किसी भी नए जिले के गठन से पहले प्रशासनिक, भौगोलिक, जनसंख्या और वित्तीय पहलुओं पर गहन अध्ययन किया जाता है। डीएम की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाएगा कि प्रस्तावित क्षेत्र नए जिले के रूप में कार्य करने के लिए कितना उपयुक्त है, और इससे प्रशासन में कितनी सुविधा होगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही राज्य सरकार 'कल्याण सिंह नगर' के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी।
स्थानीय लोगों को विकास और बेहतर प्रशासन की उम्मीद
अलीगढ़ और बुलंदशहर के जिन क्षेत्रों को मिलाकर नया जिला बनाने का प्रस्ताव है, वहां के लोगों में इसे लेकर काफी उत्साह है। इन इलाकों में अभी भी विकास की गति अपेक्षाकृत धीमी है, खासकर अतरौली और डिबाई जैसे क्षेत्रों में। स्थानीय निवासियों को उम्मीद है कि यदि यह जिला बनता है, तो उन्हें बेहतर प्रशासनिक सुविधाएं, स्थानीय स्तर पर न्यायिक और सरकारी सेवाओं तक आसान पहुच मिलेगी।
नया जिला बनने से विकास परियोजनाओं पर सीधा ध्यान केंद्रित हो पाएगा, जिससे सड़कों, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और अन्य बुनियादी ढांचों में सुधार होगा। यह कदम पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की विरासत को सम्मान देने के साथ-साथ उनके कर्मक्षेत्र के लोगों के लिए प्रशासनिक दक्षता और आर्थिक विकास के नए द्वार भी खोल सकता है।
