जुम्मे पर UP की दो तस्वीर: बरेली मे भारी सुरक्षा के बीच हुई जुम्मे की नमाज, संभल में मुस्लिमों ने खुद हथौड़े से तोड़ी मस्जिद!

बरेली में भारी सुरक्षा के बीच जुम्मे की नमाज अदा की गई, तो वही संभल में अवैध रूप से अतिक्रमण कर बनाए गए मस्जिद की दीवार को खुद ही मुस्लिमों ने गिराया।
संभल : उत्तर प्रदेश के संभल जिले के असमोली थाना क्षेत्र के राया बुजुर्ग गांव में सरकारी जमीन पर बने अतिक्रमण को हटाने के प्रशासन के अल्टीमेटम के बाद, मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुम्मे की नमाज के बाद मस्जिद की दीवारें खुद ही तोड़ना शुरू कर दिया। प्रशासन ने चार दिन की मोहलत दी थी कि यदि सरकारी जमीन खाली नहीं की गई, तो बुलडोजर से कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले, इसी गांव में दो मैरिज हॉल पर भी बुलडोजर चला था, जिससे प्रशासन की सख्ती स्पष्ट हो गई थी। ग्रामीणों ने आपसी सहमति से यह निर्णय लिया, जिसे स्थानीय लोग 'स्वेच्छा से उठाया गया कदम' बता रहे हैं।
प्रशासन का सख्त अल्टीमेटम
संभल के राया बुजुर्ग गांव में प्रशासन ने सरकारी जमीन पर हुए अवैध कब्जों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया। कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद अतिक्रमण न हटाए जाने पर, अधिकारियों ने कार्रवाई शुरू की। उन्होंने ग्रामीणों को चार दिन की मोहलत देते हुए स्पष्ट कर दिया था कि यदि 510 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर बनी मस्जिद को नहीं हटाया गया, तो मैरिज हॉल की तरह ही इस पर भी बुलडोजर चलाया जाएगा। प्रशासन की सीधी चेतावनी के बाद, गांव के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आपस में बैठक की। और निर्णय लिया कि वे खुद ही मस्जिद की दीवारें गिराएंगे और सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त करेंगे।
जुम्मे की नमाज के बाद कार्रवाई
शुक्रवार को जुम्मे की नमाज अदा करने के तुरंत बाद, मुस्लिम समुदाय के लोग हथौड़े और औजार लेकर मस्जिद के निर्माण को हटाने में जुट गए। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के कार्यकाल मे यह दृश्य अनूठा था, जहां धार्मिक स्थल को खुद ही समुदाय के लोग स्वेच्छा से हटा रहे थे।
पहले भी हुई थी कार्रवाई
यह कार्रवाई कोई अकेली घटना नहीं है। मस्जिद से पहले, प्रशासन और पुलिस टीम ने इसी गांव में सरकारी जमीन पर बने दो अलग-अलग मैरिज हॉल पर बुलडोजर चलाकर अवैध कब्जे हटाए थे। इस कार्रवाई से यह संदेश साफ हो गया था कि प्रशासन अतिक्रमण हटाने के लिए पूरी तरह गंभीर है और किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गांव में पुलिस और प्रशासन की निगरानी
पूरे घटनाक्रम के दौरान, गांव में पुलिस और प्रशासन की टीमें मौजूद रहीं। अतिक्रमण को हटाने का काम शांतिपूर्ण ढंग से हो और किसी भी तरह की गड़बड़ी या तनाव की स्थिति न उत्पन्न हो। दरअसल, जिला प्रशासन लंबे समय से गांव में सरकारी जमीनों पर हुए कब्जों को लेकर सख्त था। अधिकारियों ने कई बार नोटिस जारी किए, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाए गए। आखिरकार, प्रशासन ने सख्ती दिखाते हुए बुलडोजर से कार्रवाई की योजना बनाई। अधिकारियों और पुलिस की टीम जब गांव पहुंची, तो उन्होंने पहले दो मैरिज हॉल पर कार्रवाई की, जो सरकारी जमीन पर बने थे।
इस कार्रवाई के बाद, अधिकारियों ने मस्जिद के संबंध में भी स्पष्ट चेतावनी दी और ग्रामीणों को चार दिन का समय दिया कि वे खुद ही अवैध निर्माण हटा लें, अन्यथा समान कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का यह कदम दबाव बनाने वाला था, लेकिन ग्रामीणों ने इसे एक अवसर के रूप में लिया। उन्होंने आपसी सहमति और भाईचारे का प्रदर्शन करते हुए सामूहिक बैठक की और यह तय किया कि वे खुद ही निर्माण हटाएंगे ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े और किसी तरह का विवाद पैदा न हो।
भारी सुरक्षा के बीच बरेली में संपन्न हुई जुम्मे की नमाज, इंटरनेट रहा बंद
वहीं बरेली मे पिछले शुक्रवार को हुई हिंसा के मद्देनज़र, आज जुम्मे की नमाज पूरे बरेली जिले में शांतिपूर्ण और सकुशल ढंग से संपन्न हुई। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की थी, जिसके चलते शहर में हाई अलर्ट रहा। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के तहत, शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में 8,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल मौजूद थे, और भीड़ पर निगरानी रखने के लिए ड्रोन कैमरों का भी इस्तेमाल किया गया।
अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए गुरुवार दोपहर से 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं। स्थानीय मौलानाओं और धर्मगुरुओं ने लगातार लोगों से शांति बनाए रखने और नमाज़ के बाद भीड़ न लगाने की अपील की थी। जिलाधिकारी और एसएसपी सहित वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शहर के मुख्य मार्गों पर गश्त कर रहे थे और व्यवस्था की निगरानी कर रहे थे।
