इटावा में हिंसा: कथावाचक से बदसलूकी पर भड़का यादव समाज, दादरपुर गांव बना पुलिस छावनी; पथराव

Etawah Violence Katha Vachak Misbehavior case
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इटावा के दादरपुर गांव में यादव समाज और 'अहीर रेजिमेंट' का हिंसक प्रदर्शन।

इटावा के दादरपुर गांव में कथावाचक के साथ दुर्व्यवहार के खिलाफ यादव समाज और 'अहीर रेजिमेंट' का प्रदर्शन हिंसक हुआ। पुलिस से झड़प, कई लोग हिरासत में।

Etawah violence: कथावाचक के साथ दुर्व्यवहार की घटना के बाद इटावा के दादरपुर गांव में तनाव की स्थिति बन गई है। गुरुवार (26 जून) को यादव समाज और 'अहीर रेजिमेंट' के युवाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी बाइक रैली निकालते हुए गांव में पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने रास्ते में आने वाले लोगों से उनकी जाति पूछकर ही उन्हें आगे बढ़ने दिया, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। दादरपुर गांव के आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

प्रदर्शन की शुरुआत बकेवर थाने के बाहर हुई, जहां गगन यादव की रिहाई और कथावाचकों पर दर्ज केस को वापस लेने की मांग की गई। जैसे-जैसे विरोध बढ़ता गया, पुलिस और प्रदर्शनकारियों में टकराव शुरू हो गया।

नारेबाजी, सड़क जाम और पुलिस पर पथराव जैसी घटनाओं ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस को बल प्रयोग और फायरिंग करनी पड़ी। कई पुलिस वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं और कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस का बयान

इटावा के एसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि ''दादरपुर गांव के नजदीक उपद्रव को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की गई है। गांव में भारी फोर्स तैनात कर दी गई है और शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं।''

इटावा हिंसा पर अखिलेश यादव का बड़ा बयान

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इटावा में कथावाचकों से हुए दुर्व्यवहार को लेकर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, ''अगर ट्रंप जी को पता लग जाए कि इटावा में ऐसा हुआ है, तो समझ लो क्या होगा।''

उन्होंने सवाल उठाया कि ''मुख्यमंत्री अब तक क्या सो रहे थे? जब उन्हें जागना चाहिए था, तब तो वो जागे नहीं।''

अखिलेश का आरोप है कि कथावाचकों को अपमानित किया गया और उनकी चोटी काट दी गई। उन्होंने सरकार की विश्व गुरु की बात पर तंज कसा और कहा, "दुनिया देख रही है कि भारत में क्या हो रहा है।"

उन्होंने आगे कहा, “संविधान को मैं मानता हूं, लेकिन इटावा में रातभर कथावाचक अपमानित होते रहे और सरकार चुप रही।”

अखिलेश ने महोबा की एक पुरानी घटना का भी जिक्र किया, जहां एक दलित परिवार को चप्पल नहीं उतारने पर अपमानित किया गया था। पूर्व सीएम ने मांग की कि सरकार को इस पूरे मामले में जवाब देना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

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