Axiom-4 मिशन: शुभांशु शुक्ला की घर वापसी, पत्नी और बेटे से मिल हुए भावुक; देखें तस्वीरें

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की घर वापसी, पत्नी और बेटे से मिल भावुक हुए ‘शुक्स
Shubhanshu Shukla Family : भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से लौटने के बाद बुधवार (16 जुलाई) को अपनी पत्नी कामना और बेटे किआश से मिले। ह्यूस्टन में क्वारंटाइन से बाहर आते ही जब उन्होंने अपने छह वर्षीय बेटे को गले लगाया तो वह पल गर्व का प्रतीक बन गया। पत्नी और बेटे से मिलने की उनकी यह तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने ‘शुक्स’
भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अब राकेश शर्मा (1984) के बाद अंतरिक्ष यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बन गए। Axiom-4 मिशन के तहत उन्होंने यह ऐतिहासिक उड़ान अमेरिकी निजी कंपनी एक्सिओम स्पेस के साथ पूरी की। शुभांशु अपने मित्रों और सहकर्मियों के बीच ‘शुक्स’ नाम से लोकप्रिय हैं। उनका यह नाम अब भारत के वैज्ञानिक इतिहास में दर्ज हो गया।
Gp Capt Shubhanshu Shukla reunites with his family after returning from space ❤️🇮🇳 pic.twitter.com/yfENxJr7ed
— ISRO Spaceflight (@ISROSpaceflight) July 16, 2025
Axiom-4 मिशन का उद्देश्य और उपलब्धियां
- ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में 18 दिन बिताए। इस दौरान उन्होंने 60 वैज्ञानिक प्रयोग किए। 20 आउटरीच सत्र और STEM शिक्षा को बढ़ावा देने वाले संवाद किए।
- शुभांशु शुक्ला ने सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में मांसपेशी पुनर्जनन, शैवाल और सूक्ष्मजीवों की वृद्धि, फसल व्यवहार्यता और साइनोबैक्टीरिया व्यवहार, अंतरिक्ष में संज्ञानात्मक प्रदर्शन का अध्ययन किया।
- शुभांशु शुक्ला द्वारा किए गए इन प्रयोगों का उद्देश्य पृथ्वी और अंतरिक्ष दोनों के लिए चिकित्सा, कृषि और जैविक अनुसंधान को नया आयाम देना है।

परिवार से मिलन और व्यक्तिगत पहलू
शुभांशु की पत्नी कामना शुक्ला ने पीटीआई से चर्चा करते हुए बताया कि शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा पूरी होने के बाद हमारा फोकस उसके पुनर्वास पर है। मैं उसके पसंदीदा व्यंजन बनाकर खिला रही हूं। घर का खाना वह बहुत मिस करते थे।
बचपने में मिले, 2009 में हुई शादी
कामना और शुभांशु एक दूसरे को बचपन से जानते हैं। पहली बार वे लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में उस समय मिले थे, जब कक्षा 3 में पढ़ते थे। 2009 में शादी दोनों की शादी हुई, अब वह भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणादायक कपल बन गए हैं।
VIDEO | Lucknow: Shubhanshu Shukla's family celebrates the successful completion of his historic space journey and his safe return to Earth. #AxiomMission4
— Press Trust of India (@PTI_News) July 15, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/zRSh7OXrbQ
भारत के लिए क्या है इसका मतलब?
भारत शुभांशु के इस मिशन को गगनयान की तैयारी से जोड़कर देख रहा है। उम्मीद यह भी जताई जा रही है कि शुभांशु शुक्ला भी ISRO के 2027 गगनयान मिशन का हिस्सा बन सकते हैं। उनका मिशन भारत, पोलैंड और हंगरी जैसे देशों के लिए मानव अंतरिक्ष उड़ान की वापसी का प्रतीक है।
स्कूल से लेकर स्टार तक
लखनऊ की सिटी मॉन्टेसरी स्कूल में पढ़े शुभांशु अब वहां के बच्चों के पोस्टर बॉय बन चुके हैं। STEM (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित) के प्रति युवाओं में जोश भरने का यह मिशन उद्देश्यपूर्ण भी है। कामना शुक्ला कहती हैं कि अंतरिक्ष यात्री बनना चुनौतीपूर्ण जरूर है, लेकिन यह रास्ता सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए सम्मान और गौरव का रास्ता है।
