लखनऊ: 'वंदे मातरम' के बहाने जनहित के मुद्दों को दबा रही है भाजपा सरकार - अखिलेश यादव

सपा प्रमुख का आरोप है कि सरकार लोकतांत्रिक चर्चा और विपक्ष के तीखे सवालों से पूरी तरह भाग रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के 19 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार की मंशा पर कड़ा प्रहार किया है।
अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कार स्पष्ट किया कि योगी सरकार सदन का उपयोग जनता के कल्याण के बजाय राजनीतिक एजेंडे को साधने के लिए कर रही है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता इस समय त्रस्त है, लेकिन सरकार उनकी आवाज सुनने के बजाय सदन में ऐसे विषयों को प्राथमिकता दे रही है जिनका सीधा संबंध जनता के पेट और रोजगार से नहीं है।
सत्र की छोटी अवधि पर अखिलेश का तंज
अखिलेश यादव ने विधानसभा सत्र के समय को लेकर तीखे सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य, जहां करोड़ों लोगों की समस्याएं लंबित हैं, वहां मात्र कुछ दिनों का सत्र आयोजित करना लोकतंत्र का मजाक उड़ाना है।
सपा प्रमुख का आरोप है कि सरकार लोकतांत्रिक चर्चा और विपक्ष के तीखे सवालों से पूरी तरह भाग रही है। उन्होंने तर्क दिया कि सत्र की अवधि कम रखने का मुख्य उद्देश्य यह है कि विपक्ष को महत्वपूर्ण विभागों के बजट और जनविरोधी नीतियों पर बोलने का पर्याप्त समय ही न मिल सके।
सपा ने मांग की है कि सत्र को लंबा किया जाए ताकि प्रदेश के हर जनपद की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हो सके।
भावनात्मक मुद्दों से ध्यान भटकाने की रणनीति
अखिलेश यादव ने सरकार की कार्यप्रणाली पर हमला करते हुए कहा कि जब भी सरकार से रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी ढांचे पर सवाल किया जाता है, तो वह 'वंदे मातरम' या अन्य भावनात्मक विषयों को ढाल बना लेती है।
उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इन विषयों पर चर्चा कराने का प्रस्ताव केवल इसलिए लाया जा रहा है ताकि मीडिया और जनता का ध्यान असल समस्याओं से भटक जाए।
अखिलेश यादव के अनुसार, सरकार जानबूझकर सदन के भीतर ऐसा माहौल बनाना चाहती है जिससे ध्रुवीकरण हो और महंगाई व सरकारी तंत्र की विफलता जैसे गंभीर सवालों पर चर्चा की गुंजाइश ही न बचे।
किसानों और युवाओं की बदहाली का मुद्दा
प्रदेश के वर्तमान हालातों पर चिंता व्यक्त करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का किसान खाद की किल्लत और फसलों के उचित दाम न मिलने से बेहाल है।
वहीं, प्रदेश का युवा भर्ती परीक्षाओं में धांधली और बेरोजगारी के कारण सड़कों पर लाठियां खाने को मजबूर है। उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार को इन ज्वलंत मुद्दों पर श्वेत पत्र लाना चाहिए था, लेकिन इसके उलट वह प्रतीकात्मक राजनीति में उलझी हुई है।
अखिलेश ने चेतावनी दी कि समाजवादी पार्टी सदन के भीतर किसानों के आंसू और युवाओं के संघर्ष की आवाज को दबने नहीं देगी और सरकार से एक-एक पैसे के हिसाब की मांग करेगी।
विपक्ष की एकजुटता और सरकार को घेरने की तैयारी
सत्र की शुरुआत से पहले अखिलेश यादव ने यह साफ कर दिया है कि विपक्षी खेमा इस बार पूरी तैयारी के साथ सदन में उतरेगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी जनहित के मुद्दों पर कोई समझौता नहीं करेगी और सरकार की 'इवेंट मैनेजमेंट' वाली राजनीति को बेनकाब करेगी।
कानून व्यवस्था की जर्जर स्थिति, महिला सुरक्षा में चूक और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर विपक्ष ने लामबंदी कर ली है। अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार भले ही सत्र को छोटा रखकर अपनी जिम्मेदारी से बचना चाहे, लेकिन विपक्ष सदन से लेकर सड़क तक जनता की लड़ाई लड़ेगा और सरकार को हर जनविरोधी फैसले पर जवाबदेह ठहराएगा।
