7 साल का 'भरत' मिर्गी के आगे हारा: CM योगी द्वारा बाड़े में छोड़े गए बब्बर शेर की दुखद मौत, गोरखपुर चिड़ियाघर में मचा हड़कंप!

भरत को मई 2024 में लाया गया था और जून 2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसे बाड़े में छोड़ा था।
गोरखपुर : गोरखपुर स्थित शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान से दुखद खबर सामने आई है। इटावा लायन सफारी से लाए गए बब्बर शेर 'भरत' की रविवार को मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत का कारण मिर्गी का दौरा बताया गया है। भरत करीब सात साल का था और उसकी मौत इस साल चिड़ियाघर में होने वाली छठी वन्यजीव मौत है।
भरत और उसके साथ आई शेरनी 'गौरी' को पिछले साल 24 मई, 2024 को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति के बाद गोरखपुर लाया गया था। क्वारंटाइन अवधि के बाद, जून 2024 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इन दोनों शेरों को आम जनता के लिए बाड़े में छोड़ा था।
मिर्गी के दौरे से हुई मौत की पुष्टि
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ है कि भरत की मौत अचानक मिर्गी का दौरा पड़ने से हुई। शनिवार शाम तक वह पूरी तरह स्वस्थ था और उसने भोजन भी किया था। चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, रविवार दोपहर लगभग 12 बजे वह अपने नाइटसेल में टहलते हुए अचानक गिर पड़ा और उसकी तबीयत बिगड़ गई। जू कीपरों की सूचना पर वन्यजीव चिकित्सकों ने तत्काल उसका इलाज शुरू किया, लेकिन शेर को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। तमाम प्रयासों के बावजूद, शाम करीब चार बजे भरत ने दम तोड़ दिया।
इटावा लायन सफारी के वन्यजीव चिकित्सक डॉ. आरके सिंह की निगरानी में पशु विभाग की टीम ने पोस्टमार्टम किया। विस्तृत जांच के लिए भरत का विसरा सुरक्षित रखा गया है। पोस्टमार्टम के बाद चिड़ियाघर अस्पताल परिसर में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
शेरनी 'गौरी' पर बढ़ी निगरानी
भरत के साथ लाई गई शेरनी 'गौरी' की स्थिति फिलहाल सामान्य बताई जा रही है। चिड़ियाघर प्रशासन ने एहतियात के तौर पर गौरी की निगरानी बढ़ा दी है, हालांकि अब तक की जांच में उसमें किसी बीमारी की पुष्टि नहीं हुई है।
चिड़ियाघर प्रशासन ने बताया कि भरत में मिर्गी के लक्षण पहली बार मई 2025 में देखे गए थे। अचानक दौरा पड़ने पर पहले बर्ड फ्लू की आशंका जताई गई थी, लेकिन जांच में मिर्गी के दौरे की पुष्टि हुई थी। उस समय उसका सफलतापूर्वक इलाज किया गया था और वह स्वस्थ हो गया था। बाद में इटावा लायन सफारी से बातचीत करने पर पता चला कि वहां भी कुछ अन्य शेरों में इस तरह की बीमारी पाई गई थी।
इस साल चिड़ियाघर में छठी मौत
बब्बर शेर 'भरत' की मौत इस साल चिड़ियाघर में हुई वन्यजीवों की मौत की छठी घटना है। इससे पहले, इसी साल 30 मार्च को बाघ 'केसरी' की मौत हुई थी, जिसके बाद मई माह में भी लगातार मौतें हुई थीं। पांच मई को मादा भेड़िया 'भैरवी', सात मई को बाघिन 'शक्ति' और आठ मई को तेंदुआ 'मोना' की मौत हुई थी। इसके अतिरिक्त, 23 मई को एक अन्य वन्यजीव की मृत्यु भी हुई थी। भरत की मौत से चिड़ियाघर प्रशासन और वन्यजीव प्रेमियों में मायूसी है।
