Ganga Dussehra: काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, दशाश्वमेध घाट पर गूंजे मंत्र; जानें गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व

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गंगा दशहरा पर काशी में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, दशाश्वमेध घाट पर गूंजे मंत्र। 

गंगा दशहरा 2025 पर काशी के दशाश्वमेध घाट समेत कई घाटों पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान, दीपदान और गंगा आरती कर पुण्य अर्जित किया। पुजारियों ने बताया कि यही वह दिन है जब मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था।

Ganga Dussehra 2025 : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। काशी घाटों विशेष रूप से दशाश्वमेध घाट में गुरुवार (5 जून) सुबह हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा स्नान किया। इस दौरान दीपदान कर गंगा आरती कर पुण्य लाभ भी लिया। काशी के घाटों पर सुबह से मंत्रोच्चार के बीच धार्मिक अनुष्ठान चल रहे हैं।


गंगा दशहरा का धार्मिक महत्व
गुजरात से आए श्रद्धालु विजय महाराज ने बताया कि सनातन धर्म में गंगा दशहरा का बहुत महत्व है। मान्यता है कि आज ही के दिन गंगा मां पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। यही कारण है कि इस दिन को पवित्र डुबकी के लिए सबसे शुभ माना जाता है।


गंगा दशहरा क्यों मनाया जाता है?
दशाश्वमेध घाट के पुजारी पं. विवेकानंद ने बताया कि आज ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि है। यही वह दिन है जब राजा भागीरथ की तपस्या से प्रसन्न होकर गंगा मां धरती पर अवतरित हुई थीं। हमारी सनातन परंपरा में गंगा स्नान का विशेष महत्व है। खासकर, गंगा दहशरा पर लाखों-लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं।

गंगा स्नान का महत्व
पुजारी पं. विवेकानंद के मुताबिक, श्रद्धालु गंगा दहशरा पर पुण्य प्राप्ति, पितृ उद्धार और जीवन शुद्धि के लिए गंगा स्नान करते हैं। वाराणसी प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा और स्वच्छता के विशेष इंतज़ाम किए हैं।


प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर आस्था का मेला
प्रयागराज में भी गंगा दशहरा का त्योहार श्रद्धापूर्वक मनाया जा रहा है। त्रिवेणी संगम पर सुबह से हजारों श्रद्धालु पवित्र स्नान और अनुष्ठान के लिए एकत्र हैं। एक श्रद्धालु ने बताया कि गंगा दशहरा पर पवित्र स्नान के लिए हम मां गंगा, मां यमुना और मां सरस्वती के तट पर आए हैं।

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