दिवाली पर शुद्धता का महाअभियान: FSDA ने ताबड़तोड़ करवाई कर 39000 किलो नकली मिठाई को किया नष्ट! नकली और नशीले सिरप पर भी शिकंजा

FSDA ने ताबड़तोड़ करवाई कर 39000 किलो नकली मिठाई को किया नष्ट! नकली और नशीले सिरप पर भी शिकंजा
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8 से 17 अक्टूबर तक चले इस अभियान के तहत, लगभग 3000 निरीक्षण किए गए।

नकली और ज़हरीली दवाओं, खासकर नशे के लिए उपयोग किए जाने वाले सिरप के अवैध कारोबारियों पर भी सख्त कार्रवाई हुई, जिसमें 103 गिरफ्तारियां और कई लाइसेंस रद्द किए गए।

लखनऊ : त्योहारी मौसम में जनता के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) ने पूरे उत्तर प्रदेश में एक व्यापक और सघन अभियान शुरू किया है। इस कार्रवाई का सीधा निशाना मिलावटखोरों, नकली दवा निर्माताओं और अवैध रूप से नशीले सिरप बेचने वालों पर है, जिसके परिणामस्वरूप भारी मात्रा में मिलावटी माल जब्त किया गया है और कई गिरफ्तारियां हुई हैं। यह अभियान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देशों पर चलाया जा रहा है।

अभियान की रणनीति और मिलावटी मिठाइयों पर कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (FSDA) ने दिवाली के त्योहार से पहले बाजार में बिकने वाली मिलावटी मिठाइयों और अन्य खाद्य पदार्थों को रोकने के लिए एक विशेष रणनीति के तहत इस अभियान को चलाया है। FSDA की एडिशनल कमिश्नर रेखा एस चौहान ने बताया कि यह अभियान 8 से 17 अक्टूबर तक सक्रिय रूप से चलाया जा रहा है, जिसमें विभाग की टीमें प्रदेश भर में खाद्य निर्माण इकाइयों, थोक बाजारों और खुदरा विक्रेताओं पर ताबड़तोड़ छापे मार रही हैं। इस त्वरित कार्रवाई के दौरान, पूरे प्रदेश में लगभग 3000 निरीक्षण किए गए हैं, जिनका मुख्य फोकस खोया, पनीर, घी और अन्य मिठाइयों में मिलावट की जांच करना था।

जांच के दौरान, नकली और घटिया सामग्री का बड़े पैमाने पर पता चला है। अभियान की गंभीरता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टीम ने लगभग 39,000 किलोग्राम नकली खोया और मिलावटी मिठाइयों को जब्त कर मौके पर ही नष्ट कर दिया, जिससे ये स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पाद बाज़ार में नहीं पहुंच पाए।

लखनऊ के ठाकुरगंज खोया मंडी जैसे प्रमुख स्थानों पर भी छापेमारी की गई, जहां से बड़ी मात्रा में मिलावटी खोया नष्ट किया गया और लाखों रुपये की मिठाइयां जब्त की गईं।एफएसडीए का स्पष्ट संदेश है कि त्योहारों की आड़ में जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

नकली दवाओं और नशीले सिरप के अवैध कारोबार पर शिकंजा

नकली मिठाइयों के साथ-साथ, FSDA ने अवैध दवाओं और नशे के रूप में दुरुपयोग होने वाले सिरप (जैसे कोडीन) के रैकेट को भी निशाना बनाया है। एडिशनल कमिश्नर ने कहा कि कोडीन सिरप जैसे पदार्थों का इस्तेमाल नशे के रूप में किया जा रहा है, और विभाग इन पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस कार्रवाई के तार लखनऊ से लेकर गोंडा और बहराइच जैसे ज़िलों तक जुड़े हुए हैं, जहां से नकली दवाओं के अवैध नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया है।

FSDA द्वारा नकली दवाओं के कारोबार के खिलाफ पिछले एक वर्ष में किए गए व्यापक प्रयासों से पता चलता है कि यह कार्रवाई कोई नई नहीं है, बल्कि एक सतत प्रक्रिया का हिस्सा है। पिछले एक साल में, FSDA ने 20,002 दवाओं के नमूने एकत्र किए, जिनमें से 858 नमूने मानक गुणवत्ता के नहीं पाए गए, और इनमें 115 नकली दवाएं भी शामिल थीं। इस गंभीर अपराध में शामिल लोगों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की गई है, जिसके तहत 60 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 103 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। विभाग ने 1,168 कानूनी शिकायतें भी दर्ज की हैं, जो मिलावटखोरों और नकली दवा विक्रेताओं पर लगातार दबाव बनाए रखने की सरकार की मंशा को दर्शाती हैं।

भविष्य की योजनाए

इस बड़े अभियान की सफलता के बावजूद, FSDA को आंतरिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग ने स्वीकार किया है कि ड्रग इंस्पेक्टरों के स्वीकृत पदों की तुलना में वर्तमान में उनकी संख्या कम है, जिससे प्रभावी निरीक्षण में बाधा आती है। हालांकि, विभाग इस समस्या के समाधान के लिए तत्पर है और जल्द ही रिक्त पदों पर नई भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही, संगठनात्मक क्षमता को मजबूत करने के लिए 'जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी' का एक नया पद भी सृजित किया जा रहा है, ताकि ज़िला स्तर पर दवाओं की गुणवत्ता और अवैध बिक्री पर बेहतर तरीके से नियंत्रण किया जा सके।



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