अयोध्या: राम मंदिर परिसर के सात देवालयों के शिखर पर 31 दिसंबर को होगा ध्वजारोहण!

राम मंदिर परिसर के सात देवालयों के शिखर पर 31 दिसंबर को होगा ध्वजारोहण!
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इस अवसर पर 27 दिसंबर से अनुष्ठान शुरू होंगे, जिनमें अन्य मंदिरों के ध्वजों का पूजन भी शामिल है।

यह उत्सव रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ के रूप में मनाया जाएगा। सभी सात देवालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

अयोध्या : राम नगरी अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर के भव्य निर्माण के बाद अब मंदिर परिसर में बने सात उप-मंदिरों पर भी ध्वजारोहण की तैयारी पूरी हो चुकी है। इन मंदिरों के शिखर पर 31 दिसंबर को 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के मुख्य उत्सव के दौरान धार्मिक ध्वज फहराए जाएंगे।

इस महत्वपूर्ण और गरिमामयी समारोह में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने की संभावना है।

प्रतिष्ठा द्वादशी के अवसर पर होगा ध्वजारोहण

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा की दूसरी वर्षगांठ को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट 'प्रतिष्ठा द्वादशी' के रूप में भव्यता से मनाने जा रहा है। यह उत्सव 31 दिसंबर को मनाया जाएगा, जो इस वर्षगांठ का मुख्य दिन है। ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार, इसी दिन राम मंदिर परिसर में बने सात उप-मंदिरों के शिखर पर ध्वजारोहण करने की योजना है।

इससे पहले 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के मुख्य शिखर पर ध्वजारोहण किया था, जिसके बाद अन्य देवालयों के ध्वजारोहण को फिनिशिंग कार्य के कारण स्थगित कर दिया गया था।

ध्वजारोहण समारोह में प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति

प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह में देश की प्रमुख हस्तियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसमें रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम प्रमुख हैं।

ट्रस्ट सूत्रों की मानें तो रक्षामंत्री और मुख्यमंत्री इस शुभ अवसर पर संयुक्त रूप से सात उप-मंदिरों के शिखर पर ध्वजारोहण कर सकते हैं। इस आयोजन के माध्यम से राम मंदिर परिसर में निर्मित सभी देवालयों के निर्माण कार्य की पूर्णता को चिह्नित किया जाएगा।

कार्यक्रम में दक्षिण और उत्तर के संबंधों को प्रगाढ़ करने के उद्देश्य से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को भी आमंत्रित करने की योजना है।

ये हैं परिसर के सात उप-मंदिर

राम मंदिर परिसर में भगवान शिव, भगवान सूर्य, गणपति, हनुमान, माता भगवती, माता अन्नपूर्णा और शेषावतार के उप-मंदिर बनाए गए हैं। इन सभी सात देवालयों में फिनिशिंग और साज-सज्जा का काम पूरा हो चुका है, जिसके बाद अब ध्वजारोहण की तैयारी की जा रही है।

ध्वजारोहण के लिए इन उप-मंदिरों पर फहराए जाने वाले ध्वज का स्वरूप पहले ही तय कर लिया गया है। इस अवसर पर 27 दिसंबर से अनुष्ठान शुरू होंगे, जिनमें अन्य मंदिरों के ध्वजों का पूजन भी शामिल है।

अंगद टीला पर प्रख्यात कथा व्यास स्वामी रामदिनेशाचार्य की कथा का आयोजन भी होगा, जो इस पांच दिवसीय आयोजन का हिस्सा है।


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