SIR में लापरवाही: नोएडा में 60 BLO और 7 सुपरवाइजरों पर FIR, DM मेधा रूपम ने लिया एक्शन

जिलाधिकारी मेधा रूपम के सख्त आदेश पर इन सभी कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
नॉएडा : गौतम बुद्ध नगर में जिला प्रशासन ने विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) अभियान के दौरान लापरवाही बरतने वाले 60 बूथ लेवल ऑफिसर और 7 सुपरवाइजरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी मेधा रूपम के सख्त आदेश पर इन सभी कर्मचारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है।
यह एफआईआर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत तीनों विधानसभा क्षेत्रों के विभिन्न थानों में दर्ज कराई गई है।
लापरवाही और कार्रवाई
SIR अभियान के तहत BLO और सुपरवाइजरों को घर-घर जाकर मतदाता सूची में नाम जोड़ने, हटाने और संशोधित करने के लिए फॉर्म भरने का कार्य सौंपा गया था। हालांकि, जांच में पाया गया कि कई कर्मचारी इसमें लापरवाही कर रहे हैं। उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बार-बार निर्देश दिए गए, मीटिंगों में स्पष्टीकरण दिया गया, लेकिन इसके बावजूद उनके रवैये में सुधार नहीं आया।
जिलाधिकारी मेधा रूपम ने इसे गंभीरता से लेते हुए, जिले के दादरी, नोएडा और जेवर विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित सभी 67 लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 के तहत मामला दर्ज करने का आदेश दिया।
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य 4 दिसंबर 2025 तक जारी रहेगा और इस दौरान लापरवाही करने वाले किसी भी कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
इस कार्रवाई से जिले के अन्य कर्मचारियों को भी एक स्पष्ट संदेश गया है कि निर्वाचन संबंधी कार्यों को प्राथमिकता देनी होगी। प्रशासन ने बताया कि पुनरीक्षण कार्य को डिजिटाइजेशन के साथ भी जोड़ा गया है, ताकि त्रुटियों की संभावना कम हो सके, लेकिन कर्मचारियों की निष्क्रियता के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो रही थी।
प्रशासन ने सभी BLO और सुपरवाइजरों को सख्त हिदायत दी है कि वे आवंटित कार्य को निर्धारित समय-सीमा और सटीकता के साथ पूरा करें।
कौन हैं नोएडा की डीएम मेधा रूपम ?
मेधा रूपम भारतीय प्रशासनिक सेवा की 2014 बैच की अधिकारी हैं और वर्तमान में गौतम बुद्ध नगर की जिलाधिकारी के पद पर तैनात हैं। वह उत्तर प्रदेश कैडर की तेज-तर्रार और सख्त छवि वाली अधिकारी मानी जाती हैं। मेधा रूपम देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की बेटी हैं।
डीएम के रूप में, उन्होंने प्रशासन में पारदर्शिता और कार्य के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लापरवाही पर 67 कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का उनका हालिया फैसला है।
