Video viral: SSP की मां की बीमार हुईं तो डॉक्टर-स्टाफ को जबरन उठा ले गई पुलिस

इटावा: SSP की मां की बीमार पड़ी तो डॉक्टर-स्टाफ को उठा ले गई पुलिस
मुख्य बिंदु
SSP की मां की तबीयत बिगड़ने पर पुलिस अस्पताल पहुंची
इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर और फार्मासिस्ट को जबरन गाड़ी में डालकर थाने ले गए
डॉक्टर्स ने हड़ताल कर दी, सेवाएं ठप
CMO ने कहा, कानून सभी के लिए बराबर है, दोषियों पर होगी कार्रवाई
Etawah Police Doctor Dispute: उत्तर प्रदेश के इटावा जनपद स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और फार्मासिस्ट को जबरन गाड़ी में डालकर पुलिसकर्मी थाने ले गए। घटना को लेकर चिकित्सा कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। मेडिकल स्टाफ ने कामबंद हड़ताल शुरू कर दी। जिससे स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई।
क्या है पूरा मामला?
डॉ. भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय में बुधवार रात इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राहुल बाबू ने बताया कि तीन-चार पुलिसकर्मी और एक दरोगा एसएसपी की मां का इलाज कराने आए थे। डॉक्टर मरीज देखने की तैयारी कर ही रहे थे कि पुलिसकर्मियों ने बदसलूकी शुरू कर दी। मोबाइल फोन छीना लिया और गाड़ी में डालकर सिविल लाइन थाने ले गए।
इटावा में प्रशासनिक अराजकता !
— sonelal.kushwaha (@KushwahaK45286) September 19, 2025
आधी रात को SSP साहब की मां की तबीयत बिगड़ी, तो पुलिसवाले जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से डॉक्टर को उठा ले गए। सुबह से अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं ठप। ये कैसा राम राज है? #EtahwaExpress #MidnightMasala #DoctorVsPolice pic.twitter.com/W2y4CP8m2V
पुलिस बोली-तुम SSP से बड़े नहीं
डॉ. राहुल बाबू ने बताया कि वह पुलिस कर्मियों को समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन एक नहीं सुनी। इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित होने की बात कहने पर वह बोलने लगे तुम एसएसपी से बड़े नहीं हो।हड़ताल पर डॉक्टर्स, सेवाएं ठप
इटावा में इस घटना के बाद डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ ने हड़ताल शुरू कर दी, जिससे अस्पताल की आपातकालीन सेवाएं ठप हो गईं। स्वास्थ्य कर्मियों ने इसे सरकारी कार्य में बाधा और गुंडागर्दी बताया है। कहा, जब तक दोषी पुलिसकर्मियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई नहीं की जाती, आंदोलन जारी रहेगा।
CMO बोले-यह गंभीर अपराध
इटावा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. बीके सिंह ने मामले को अत्यंत गंभीर बताया है। कहा, डॉक्टर और फार्मासिस्ट को जबरन ले जाना अपराध है। इससे न केवल सरकारी कार्य बाधित हुआ, बल्कि जनसेवा भी प्रभावित हुई है। सख्त कार्रवाई होगी। डॉक्टरों से हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया।
