यूपी के 15 लाख कर्मचारियों और 8 लाख पेंशनरों के लिए खुशखबरी: 8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से होगा लागू! पढ़े पूरी रिपोर्ट

8वां वेतन आयोग 1 जनवरी 2026 से होगा लागू! पढ़े पूरी रिपोर्ट
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8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद न्यूनतम वेतन 18,000 से बढ़कर 26,000 या 40,000 तक हो सकता है।

न्यूनतम सैलरी और पेंशन में 30% से 34% तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है, जिससे लाखों परिवारों को भारी वित्तीय राहत मिलेगी।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों का लंबा इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी मिलने के बाद, अब उत्तर प्रदेश सरकार भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आठवां वेतन आयोग राज्य में 1 जनवरी, 2026 से लागू होने की प्रबल संभावना है। इस ऐतिहासिक फैसले से राज्य के करीब 15 लाख कर्मचारियों और 8 लाख पेंशनभोगियों को सीधा और बड़ा आर्थिक लाभ मिलेगा। वेतन और पेंशन में तीन गुना तक की बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे इन सभी परिवारों के जीवन स्तर में सुधार आएगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।

सैलरी और पेंशन में तीन गुना तक उछाल की उम्मीद

आठवें वेतन आयोग की सबसे बड़ी खासियत कर्मचारियों के न्यूनतम मूल वेतन और पेंशन में भारी वृद्धि की संभावना है। फिटमेंट फैक्टर, जो वेतन वृद्धि का मुख्य आधार होता है, उसके 1.83 से 2.46 के बीच रहने का अनुमान है। रिपोर्ट्स के अनुसार 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद न्यूनतम बेसिक वेतन 18,000 से बढ़कर 26,000 या 40,000 तक हो सकता है।

उत्तर प्रदेश में भी केंद्रीय पैटर्न का अनुसरण किया जाएगा, जिससे निचले स्तर के कर्मचारियों को सर्वाधिक फायदा होगा। पेंशनभोगियों के लिए भी यह किसी वरदान से कम नहीं होगा क्योंकि अनुमान है कि न्यूनतम बेसिक पेंशन 9,000 से बढ़कर 25,000 प्रति माह तक हो सकती है। यह बड़ी बढ़ोतरी पेंशनर्स को बढ़ती महंगाई के दौर में बड़ी आर्थिक मजबूती देगी। पिछली बार 7वें वेतन आयोग में 14% की बढ़ोतरी हुई थी, लेकिन इस बार वेतन और पेंशन में 30% से 34% तक की सीधी बढ़ोतरी की उम्मीद है।

केंद्र की मंजूरी के बाद यूपी में भी तैयारी शुरू

केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है और जल्द ही इसके लिए आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। केंद्र में यह आयोग अगले 18 महीने में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगा, जिसका उद्देश्य 1 जनवरी, 2026 से इन्हें लागू करना है। चूंकि राज्य सरकारें पारंपरिक रूप से केंद्र सरकार के वेतन आयोग की सिफारिशों को ही अपनाती हैं, इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार पर भी इसे लागू करने का स्वाभाविक दबाव है। 2027 के विधानसभा चुनाव चुनावों से ठीक पहले कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक बड़ा वित्तीय तोहफा होगा।

राज्य के वित्त विभाग ने भी इस बड़े वित्तीय बोझ को उठाने के लिए अभी से प्रारंभिक गणना और तैयारियों का काम शुरू कर दिया है। इसके अलावा, वेतन आयोग केवल मूल वेतन तक ही सीमित नहीं रहता बल्कि यह महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, यात्रा भत्ता और अन्य विशेष भत्तों की दरों और संरचनाओं की भी समीक्षा करता है, जिससे कर्मचारियों की इन-हैंड सैलरी में और ज्यादा इजाफा होगा।

सातवां वेतन आयोग 31 दिसंबर, 2025 को समाप्त हो जाएगा, जिसके बाद 1 जनवरी, 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का लागू होना अपेक्षित है।

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