मनी लॉन्ड्रिंग: पूर्व सांसद अतुल राय और अंसारी के करीबी पर ED का शिकंजा, 6 संपत्तियां कुर्क

उत्तर प्रदेश: पूर्व सांसद अतुल राय और मुख्तार अंसारी पर ED का शिकंजा।
ED Atul Rai Property Attachment : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार, 15 जुलाई को उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बड़ी कार्रवाई की है। मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी ने स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की 4.18 करोड़ की छह अचल संपत्तियां कुर्क करने का आदेश दिया है। यह कंपनी घोसी के पूर्व सांसद अतुल राय और दिवंगत गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के करीबी जितेंद्र सपरा की बताई जा रही है।
ईडी के मुताबिक, जिन सम्पत्तियों को कुर्क करने का आदेश जारी किया गया है, उनमें नई दिल्ली स्थित एक आलीशान आवासीय अपार्टमेंट, वाराणसी में तीन आवासीय भूखंड और गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) में दो कृषि भूमि शामिल हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग जांच का हिस्सा है यह कार्रवाई
- प्रवर्तन निदेशालय की यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई है। ईडी को आशंका है कि उक्त संपत्तियां अवैध गतिविधियों और आपराधिक आय से अर्जित की गई हैं।
- ईडी के अनुसार, स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज का संचालन मुख्तार अंसारी और अतुल राय के नेटवर्क से जुड़ी आपराधिक गतिविधियों की आय को वैध बनाने के लिए किया जा रहा था।
स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज पर जांच
ईडी की प्रारंभिक जांच में पता चला कि कंपनी की स्थापना ऐसे समय पर हुई जब मुख्तार अंसारी का नेटवर्क उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों में जमीन कब्जा, रंगदारी और अवैध कारोबार में सक्रिय था। जितेंद्र सपरा को इस नेटवर्क में प्रमुख फाइनेंसर माना जाता रहा है।ईडी की अब तक की कार्रवाई
- ईडी ने स्पेक्ट्रम इंफ्रासर्विसेज की 4.18 करोड़ की संपत्तियां कुर्क की है।
- मनी ट्रेल खंगालने के लिए उनके बैंक रिकॉर्ड और जमीन सौदों की जांच जारी है।
- जितेंद्र सपरा और अतुल राय की वित्तीय गतिविधियों की पड़ताल भी की जा रही है।
- उनकी अवैध सम्पत्तियों को जब्त किए जाने की प्रक्रिया जारी है।
अतुल राय और मुख्तार अंसारी का गठजोड़
अतुल राय बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की टिकट पर घोसी सीट से लोकसभा सांसद निर्वाचित हुए थे। आपराधिक गतिविधियों के चलते पहले भी वह सुर्खियों में रहे हैं। वहीं मुख्तार अंसारी पूर्वी उत्तर प्रदेश की राजनीति में लंबे समय तक प्रभावी रहे। पिछले साल बीमारी के चलते जेल में उनकी मौत हो गई थी। जांच एजेंसियों ने अब उनके करीबी सहयोगियों की निगरानी बढ़ा दी है।
