डॉग लवर्स सावधान: जानलेवा हो सकती है कुत्तों की लार; बदायूं में 2 वर्षीय मासूम की मौत

डॉग लवर्स सावधान: जानलेवा हो सकती है कुत्तों की लार; बदायूं में मासूम की मौत
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डॉग लवर्स सावधान: जानलेवा हो सकती है कुत्तों की लार; बदायूं में मासूम की मौत

बदायूं के सहसवान में 2 साल के मासूम की मौत कुत्ते की लार से हुई। रेबीज के लक्षण दिखने के बाद उसने दम तोड़ दिया। डॉक्टरों ने कहा, कुत्ते के काटने या चाटने को हल्के में न लें।

उत्तर प्रदेश के बदायूं (सहसवान) में कुत्ते के चाटने से 2 वर्षीय मासूम की मौत हो गई। इस घटना से गांव में दहशत का माहौल है। डॉक्टरों ने रैबीज केस बताते हुए डॉग लवर्स को सावधान किया है। कहा, घर में यदि कुत्ते हैं तो उन्हें एंटीरैवीज इंजेक्शन जरूर लगवा लें। उनके करीब जाना भी जानलेवा साबित हो सकता है।

कैसे हुई घटना?

बदायूं जिले के सहसवान इलाके में मोहम्मद अदनान नामक मासूम की मौत हुई है। एक माह पहले उसे चोंट लग गई थी। उसके घाव को कुत्ते ने चाट दिया, जिससे बच्चे को रैबीज हो गया। उसे हाइड्रोफोबिया (पानी से डरना) और खाने-पीने से इनकार जैसे लक्षण दिखने लगे। हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन अगले ही दिन मौत हो गई।

डॉक्टरों ने क्या कहा?

इस घटना के बाद गांव में दहशत का महौल है। करीब दो दर्जन लोग एहतियातन अस्पताल पहुंचे और रेबीज का इंजेक्शन लगवाया। हालात ये हुए कि डॉक्टरों की टीम गांव पहुंची और ग्रामीणों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि कुत्ते के काटने या चोट चाटने की स्थिति में घाव को साबुन से धोएं और अस्पताल पहुंचकर एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाएं।

रेबीज का खतरा कब-कब?

बदायूं जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रशांत त्यागी ने बताया कि कुत्ते के काटने ही नहीं, बल्कि उसके चाटने से भी रेबीज हो सकता है। इसलिए इसे कभी हल्के में न लें। डॉ. त्यागी ने कहा, सिर्फ कुत्ता ही नहीं, बल्कि बिल्ली और बंदर जैसे जानवरों के काटने या चाटने से भी रेबीज हो सकता है। इसलिए टीका जरूर लगवाएं।

रेबीज क्या है?

रेबीज एक तरह की जानलेवा वायरल बीमारी है। यह हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है। रेबीज आमतौर पर संक्रमित जानवरों जैसे कुत्ते, चमगादड़, लोमड़ी और जंगली जानवरों के काटने या खरोंचने से फैलती है। कुत्ते की लार में खतरनाक बैक्टीरिया और वायरस होते हैं, जो इंसान में गंभीर संक्रमण फैला देते हैं।

संक्रमण का तरीका

  • संक्रमित जानवर के काटने या खरोंचने से
  • खुले घाव पर उसकी लार (Saliva) लगने से
  • आंख, नाक या मुंह के संपर्क में आने से

कुत्तों की लार में कौन सा बैक्टीरिया ?

  • पास्तुरेला मल्टोसिडा: छोटे घाव को भी गंभीर बना देता है।
  • कैप्नोसाइटोफागा कैनिमॉरसस: कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में खून का संक्रमण फैला सकता है।
  • स्टैफिलोकोकस ऑरियस: घाव को संक्रमित करता है, कई बार एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट भी होता है।
  • स्ट्रेप्टोकोकस: गले और स्किन संक्रमण का कारण बनता है।
  • ऐनारोबिक बैक्टीरिया: गहरे घावों में टिश्यू और मसल्स को सड़ा सकता है।

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