डिजिटल यूपी: अब एटीएम से मिलेंगे स्टाम्प पेपर, संपत्ति रजिस्ट्री होगी तुरंत अपडेट

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यूपी में अब बैंक एटीएम की तरह मशीनों से स्टाम्प पेपर मिलेंगे और संपत्ति रजिस्ट्री तुरंत अपडेट होगी। 

Yogi Govt Digital Initiative: यूपी में अब बैंक एटीएम की तरह मशीनों से स्टाम्प पेपर मिलेंगे और संपत्ति रजिस्ट्री तुरंत अपडेट होगी। जानें कैसे बदलेगी पूरी व्यवस्था और क्या फायदे होंगे।

Yogi Govt Digital Initiative: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन डिजिटल इंडिया को धार देने में लगी हुई है, अब उत्तर प्रदेश सरकार ने स्टाम्प और पंजीकरण व्यवस्था को पूरी तरह से आधुनिक बनाने का फैसला किया है।

इस बदलाव से आम लोगों को स्टाम्प पेपर खरीदने के लिए अब लंबी-लंबी लाइनों में नहीं लगना पड़ेगा। जल्द ही, बैंक एटीएम की तरह मशीनों से 10, 20, 50 और 100 रुपये के स्टाम्प पेपर आसानी से निकाले जा सकेंगे। इससे समय की बचत होगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।

डिजिटल सुविधा से धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम

इस नई व्यवस्था में, संपत्ति की रजिस्ट्री होने के बाद राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में तुरंत अपडेट हो जाएगी। इससे पहले इस प्रक्रिया में 35-40 दिन लग जाते थे, जिससे खरीदार के नाम पर संपत्ति दर्ज होने में समय लगता था। अब, राजस्व अधिकारियों को भी पंजीकरण कार्यालयों में तैनात किया जाएगा, जिससे यह काम तुरंत हो पाएगा।

आपको बता दें की सबसे खास बात यह है कि अब क्यूआर कोड आधारित सत्यापन प्रणाली भी शुरू की जा रही है। इसका मतलब है कि कोई भी व्यक्ति क्यूआर कोड को स्कैन करके संपत्ति के मालिक का नाम, पिछले लेन-देन और उसकी वैधता की जानकारी तुरंत हासिल कर पाएगा। इससे संपत्ति के लेन-देन में होने वाली धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगी।

आने वाले समय में और भी कई बदलाव

उत्तर प्रदेश सरकार अपने सभी विभागों को तकनीकी रूप से अपग्रेड करने में लगी हुई है, आने वाले समय में मसलन सभी विभागों में इस तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे, सरकार ने किराएदारी समझौते के पंजीकरण को भी सरल बनाने का फैसला किया है।

अब 500 से 1000 रुपये के तय शुल्क में किरायानामा पंजीकृत कराया जा सकेगा। यह सुविधा मकान मालिकों और किराएदारों, दोनों के लिए फायदेमंद होगी। इन सभी बदलावों से राज्य में संपत्ति पंजीकरण की संख्या में बड़ा उछाल आने की उम्मीद है, जिससे सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

लाखों लोगों को मिलेगी सहूलियत

​यह पहल उन लाखों लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो हर साल स्टाम्प पेपर खरीदते हैं। 10 से 100 रुपये तक के स्टाम्प पेपर की सालाना खपत लगभग 800 करोड़ रुपये की है। यह नई व्यवस्था इस बड़े वर्ग को सहूलियत देगी और उनकी परेशानी कम करेगी।

सोर्स: हरिभूमि, लखनऊ ब्यूरो।

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