गुनाह का बोझ: 500 नाबालिगों को शिकार बनाने वाले कोच ने स्वीकारा जुर्म, पत्नी ने छोड़ा तो बोला- अब जीने की चाह नहीं

आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसकी हरकतों के कारण उसकी निजी जिंदगी पूरी तरह तबाह हो चुकी है।
वाराणसी : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक क्रिकेट कोच पर बच्चों के साथ यौन शोषण का बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगा है।
यह मामला तब सामने आया जब पुलिस ने दो किशोरों के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म के आरोप में भेलूपुर थाना क्षेत्र से मुरारी लाल नामक एक क्रिकेट कोच को गिरफ्तार किया।
आरोप है कि कोच ने पिछले पांच सालों में लगभग 500 बच्चों के साथ यौन दुराचार किया। इस खुलासे के बाद खेल जगत और स्थानीय समाज में हड़कंप मच गया है।
आरोपी कोच ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि उसकी पत्नी ने भी इन्हीं कारणों से उसे तलाक दे दिया था, और अब उसमें जीने की इच्छा नहीं बची है।
कोच पर 500 बच्चों के यौन शोषण का आरोप, पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज
वाराणसी पुलिस ने कबीरनगर पार्क में क्रिकेट की ट्रेनिंग देने वाले कोच मुरारी लाल को दो नाबालिग किशोरों के साथ अप्राकृतिक दुराचार के आरोप में गिरफ्तार किया है।
पीड़ित बच्चों के परिजनों की शिकायत पर भेलूपुर थाने में पॉक्सो (POCSO) एक्ट और संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कोच मुरारी लाल ने पूछताछ में कबूल किया है कि उसने पिछले पांच सालों के दौरान लगभग 500 बच्चों को शिकार बनाया है।
गिरफ्तारी से पहले दो पीड़ित किशोरों के परिजनों ने पुलिस को बताया कि कोच ने मेडिकल परीक्षण के बहाने उन्हें बुलाया और तीन दिनों तक उनके साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया।
यह घटना तब सामने आई जब बच्चों ने डरते-डरते अपने परिजनों को इसकी जानकारी दी। पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और अन्य संभावित पीड़ितों की पहचान करने की कोशिश कर रही है।
पत्नी ने इसी कारण लिया था तलाक, आरोपी कोच ने स्वीकार किया जुर्म
पुलिस पूछताछ में आरोपी कोच ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि उसकी पत्नी ने भी उसके इस घिनौने कृत्य के कारण उसे 2016 में तलाक दे दिया था और वह परिवार से अलग रह रहा था। आरोपी ने पुलिस को बताया कि उसकी हरकतों के कारण उसकी निजी जिंदगी पूरी तरह तबाह हो चुकी है।
उसने अपने इस कृत्य के लिए पछतावा भी व्यक्त किया और यह भी कहा कि अब उसमें जीने की कोई इच्छा नहीं बची है। आरोपी की यह स्वीकारोक्ति मामले को और भी गंभीर बना देती है, क्योंकि यह दर्शाता है कि उसका यह कृत्य कोई अचानक हुई घटना नहीं, बल्कि वर्षों से चली आ रही एक प्रवृत्ति थी।
पुलिस आरोपी के मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की भी जांच कर रही है ताकि अन्य साक्ष्यों का पता लगाया जा सके।
घटना के बाद सुरक्षा पर उठे सवाल, क्रिकेट एसोसिएशन की भूमिका की जांच
इस घटना ने झकझोर कर रख दिया है और बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग और अभिभावक मांग कर रहे हैं कि कोचिंग सेंटरों और खेल अकादमियों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं और कोचों की पृष्ठभूमि की गहन जांच की जाए।
यह भी जानकारी सामने आई है कि आरोपी कोच राजातालाब इलाके का निवासी है और कमच्छा स्थित एक स्कूल के बच्चों को भी ट्रेनिंग देता था। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या किसी अन्य संस्थान या क्रिकेट एसोसिएशन को कोच की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में पहले से कोई जानकारी थी।
एसीपी भेलूपुर गौरव कुमार ने मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है और कहा है कि आरोपित को सख्त से सख्त सजा दिलवाई जाएगी।
