​योगी का हलाल सर्टिफिकेशन पर 'सर्जिकल स्ट्राइक': लोगों से अपील 'इस पैसे से हो रहा आतंकवाद, धर्मांतरण, तुरंत खरीदना बंद करें!

लोगों से अपील इस पैसे से हो रहा आतंकवाद, धर्मांतरण, तुरंत खरीदना बंद करें!
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​सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन के पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों की खरीद के खिलाफ लोगों को गंभीर रूप से आगाह किया है।

लखनऊ डेस्क : ​उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पादों की खरीद के प्रति लोगों को आगाह करते हुए इस विषय पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि हलाल प्रमाणन के जरिए जुटाए जा रहे धन का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों, आतंकवाद के वित्तपोषण, लव जिहाद और बड़े पैमाने पर धर्मांतरण l के लिए किया जा रहा है। इस संबंध में, उत्तर प्रदेश सरकार ने पहले ही हलाल सर्टिफाइड उत्पादों की बिक्री पर कड़ा रुख अपनाया है और इस गैर-कानूनी फंडिंग चेन पर प्रहार करने के लिए सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

मुख्यमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राज्य सरकार पहले से ही हलाल सर्टिफिकेशन की आड़ में चल रहे समानांतर तंत्र और उसके वित्तीय स्रोत की व्यापक जांच कर रही है। उन्होंने जनता से ऐसे उत्पादों से दूरी बनाने और इस प्रकार के वित्तीय स्रोतों को खत्म करने में सरकार का सहयोग करने की अपील की है।

​मुख्यमंत्री का सीधा संदेश- हलाल सर्टिफाइड उत्पाद न खरीदें

​उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता के बीच एक बहुत ही स्पष्ट और सख्त संदेश दिया है। उन्होंने आम लोगों से हलाल सर्टिफिकेशन वाले किसी भी उत्पाद को न खरीदने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री के अनुसार, यह केवल उत्पादों की गुणवत्ता या धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करने वाला एक गंभीर विषय है। उन्होंने कहा कि हलाल प्रमाणन की व्यवस्था ने देश में एक प्रकार का समानांतर तंत्र खड़ा कर दिया है। यह एक ऐसा अवैध वित्तीय तंत्र है जो बिना किसी सरकारी नियंत्रण के बड़े पैमाने पर धन उगाही कर रहा है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया है कि यह धन सीधे तौर पर उन तत्वों और संगठनों तक पहुच रहा है जो भारत में अस्थिरता पैदा करने, आतंक फैलाने और समाज को विभाजित करने की साजिश रच रहे हैं। उनके इस आह्वान को राज्य में हलाल उत्पादों की बिक्री पर लगे प्रतिबंध और चल रही जांच के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण जन-जागरूकता अभियान के रूप में देखा जा रहा है।

सीएम योगी ने स्पष्ट किया है कि सरकार इस अवैध आर्थिक चक्र को तोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है और जनता का सहयोग इसमें अत्यंत आवश्यक है।

​आतंकवाद, लव जिहाद और धर्मांतरण में धन के इस्तेमाल का गंभीर आरोप

​मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने बयान में हलाल सर्टिफिकेशन से जुटाए जा रहे धन के दुरुपयोग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि इस अवैध रूप से अर्जित किए गए धन का उपयोग कई राष्ट्र-विरोधी और सामाजिक बुराइयों को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इसमें सबसे प्रमुख है आतंकवाद का बढ़ावा है ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस धन का एक हिस्सा उन आतंकी संगठनों तक पहुँच रहा है जो देश में हमले और हिंसा फैलाते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने लव जिहाद और बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण की गतिविधियों में भी इस धन के इस्तेमाल का उल्लेख किया है। मुख्यमंत्री के अनुसार, भोले-भाले लोगों को बहला-फुसलाकर और आर्थिक प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने वाले समूहों को इसी हलाल फंडिंग से वित्तीय सहायता मिलती है। यह अवैध प्रमाणन प्रणाली न केवल उत्पादों को एक खास सर्टिफिकेट दे रही है, बल्कि एक तरह से देश के खिलाफ काम करने वाली शक्तियों को आर्थिक ताकत भी प्रदान कर रही है। सरकार का मानना है कि यह एक संगठित साजिश है जो देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक समरसता को भीतर से कमजोर कर रही है, और इसी कारण उत्तर प्रदेश में इस पूरे रैकेट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की गई है।

​यूपी सरकार की सख्त कार्रवाई और व्यापक जांच जारी

​मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल सर्टिफिकेशन के पूरे गोरखधंधे पर पहले ही शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। राज्य में हलाल सर्टिफाइड उत्पादों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार की यह कार्रवाई इस मान्यता पर आधारित है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) जैसी सरकारी संस्थाओं के होते हुए, किसी निजी संस्था द्वारा धार्मिक आधार पर खाद्य या अन्य उत्पादों को प्रमाणित करना न केवल समानांतर व्यवस्था बनाना है, बल्कि अवैध कमाई का एक जरिया भी है।

पुलिस और जांच एजेंसिया अब इस पूरे नेटवर्क की गहराई से जाच कर रही हैं कि कौन-कौन से संगठन यह प्रमाणन जारी कर रहे थे, वे कितना शुल्क ले रहे थे, और उस पैसे का उपयोग कहा किया जा रहा था। जांच में यह जानने की कोशिश की जा रही है कि इस अवैध वित्तीय चक्र में शामिल कंपनियों और व्यक्तियों के संबंध किन राष्ट्र-विरोधी और आतंकी समूहों से हैं। मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया है कि किसी भी कीमत पर देश में ऐसी समानांतर अर्थव्यवस्था को पनपने नहीं दिया जाएगा जो राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सद्भाव के लिए खतरा हो।

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