CM योगी का बड़ा निर्देश: यूपी में बनेंगे डिटेंशन सेंटर, घुसपैठियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

सीएम योगी ने डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के लिए भूमि की पहचान और निर्माण कार्य शुरू करने का आदेश दिया है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य की सुरक्षा और शांति व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने अधिकारियों को अवैध प्रवासियों की पहचान करने और उन्हें कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक रखने के लिए डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया।
सीएम योगी ने कहा और कब दिए निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह सख्त निर्देश 23 नवंबर को लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पर आयोजित गृह विभाग और पुलिस के उच्चाधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
इस बैठक में पुलिस महानिदेशक, अपर मुख्य सचिव (गृह) समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अवैध विदेशी नागरिकों की राज्य में उपस्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है और इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने का आदेश दिया।
अवैध प्रवासियों की पहचान और कार्रवाई की प्रक्रिया
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों या ऐसे प्रवासियों की पहचान करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा जिनके पास वैध दस्तावेज़ नहीं हैं।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों को संयुक्त रूप से काम करने का निर्देश दिया गया है ताकि झुग्गी-झोपड़ियों, सीमावर्ती क्षेत्रों और बड़े शहरों में ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा सके।
एक बार पहचान होने के बाद, इन लोगों को तुरंत स्थापित किए जा रहे डिटेंशन सेंटरों में भेजा जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी गृह विभाग द्वारा की जाएगी, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कानूनी प्रक्रियाओं का पूर्णतः पालन हो।
राज्य में डिटेंशन सेंटर का निर्माण और उद्देश्य
मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में डिटेंशन सेंटर स्थापित करने के लिए भूमि की पहचान और निर्माण कार्य शुरू करने का आदेश दिया है।
इन केंद्रों का मुख्य उद्देश्य अवैध प्रवासियों को तब तक रखना है, जब तक कि उनके निर्वासन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती और उन्हें उनके मूल देश वापस नहीं भेज दिया जाता।
इससे अवैध प्रवासी राज्य में खुलेआम घूमकर किसी भी तरह की आपराधिक या राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल न हो सकें।
