बाराबंकी: सीएम योगी ने किया किसान पाठशाला का शुभारंभ, कम लागत में अधिक उत्पादन पर जोर!

किसान पाठशाला का उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना है।
बाराबंकी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को बाराबंकी जिले के दौलतपुर गांव में 'किसान पाठशाला' के आठवें संस्करण का औपचारिक शुभारंभ किया।
यह विशेष आयोजन पद्मश्री से सम्मानित प्रगतिशील किसान राम सरन वर्मा के कृषि फार्म से किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों को संबोधित करते हुए खेती की लागत को कम करने और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से उत्पादन व आय बढ़ाने पर विस्तार से चर्चा की।
यह पाठशाला प्रदेश भर में 12 से 29 दिसंबर 2025 तक आयोजित की जाएगी, जिसमें किसानों को नवीनतम कृषि पद्धतियों से अवगत कराया जाएगा।
प्रगतिशील किसान के फार्म से प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने पद्मश्री राम सरन वर्मा के फार्म का अवलोकन किया और उनकी कृषि क्रांति की सराहना की। उन्होंने कहा कि राम सरन वर्मा जैसे किसान प्रदेश के अन्नदाताओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जिन्होंने पारंपरिक खेती के बजाय विविधता अपनाकर लाभ कमाया है।
वर्मा ने 32 साल पहले 6 एकड़ से खेती शुरू की थी, जो अब सहकारिता आधारित बटाई मॉडल पर 275 एकड़ तक पहुंच चुकी है। उनके फार्म पर केला, टमाटर, आलू, मेंथा, तरबूज, खरबूजा और गेहूं जैसी विविध फसलों का चक्र देखा गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कम लागत में अधिक उत्पादन की दिशा में राज्य के किसान तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और डबल इंजन की सरकार उन्हें हर संभव सहायता दे रही है।
कृषि तकनीक और योजनाओं पर प्रशिक्षण
इस किसान पाठशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने किसानों को ट्रैक्टर की चाबी और चेक भी सौंपे। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि किसान पाठशालाओं में किसानों को तकनीक, उन्नत बीज, प्रजाति सुधार, फसल संरक्षण, पशुपालन, बागवानी, रेशम पालन और मधुमक्खी पालन की जानकारी दी जाएगी।
सरकार 60% अनुदान पर सोलर पंप, और 40 से 50% अनुदान पर कृषि यंत्र जैसी योजनाएँ चला रही है, जिनके माध्यम से किसान अपनी आय और उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं। अब तक लगभग 1.90 करोड़ किसानों को इन पाठशालाओं के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा चुका है।
पूरे प्रदेश में होगा आयोजन
बाराबंकी से शुरू हुई यह 'किसान पाठशाला' 12 से 29 दिसंबर 2025 तक पूरे प्रदेश की ग्राम पंचायतों, प्राथमिक विद्यालयों, पैक्स सोसायटी, कृषि विज्ञान केंद्र और किसान कल्याण केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। इसका लक्ष्य किसानों को व्यवहारिक, सरल और उनकी जरूरत पर आधारित जानकारी देना है। हर ब्लॉक में चयनित प्रगतिशील किसान अपने अनुभव साझा करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में नवाचार आधारित मॉडल अपनाने से कई किसानों की आय में वृद्धि दर्ज की गई है, और यह आयोजन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।
