धर्म बदलकर: 36 साल तक पुलिस को चकमा देता रहा भाई का हत्यारा; 'प्रदीप' बना 'अब्दुल रहीम', पढ़े पूरी खबर

36 साल तक पुलिस को चकमा देता रहा भाई का हत्यारा; प्रदीप बना अब्दुल रहीम, पढ़े पूरी खबर
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प्रदीप ने वर्ष 2002 में धर्म परिवर्तन कर लिया और अपना नाम अब्दुल रहीम रख लिया।

वर्ष 2002 में उसने धर्म बदलकर अपना नाम अब्दुल रहीम रखा और मुरादाबाद में एक मुस्लिम महिला से निकाह कर लिया। वह ड्राइवर का काम करता था।

बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली में एक ऐसा चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहा अपने ही भाई की हत्या का दोषी एक व्यक्ति 36 साल तक पुलिस की आखों से बचता रहा। हत्यारे ने अपनी पहचान, धर्म और यहा तक कि अपना हुलिया भी बदल लिया था।

बरेली के शाही निवासी प्रदीप सक्सेना ने पैरोल पर फरार होने के बाद धर्म परिवर्तन कर अपना नाम अब्दुल रहीम रख लिया और मुरादाबाद में एक नई जिंदगी शुरू कर दी, जहा उसने एक मुस्लिम महिला से निकाह भी कर लिया था।

हत्या और पैरोल से फ़रारी

बरेली के शाही कस्बे का रहने वाला प्रदीप सक्सेना वर्ष 1987 में अपने भाई संजीव सक्सेना की हत्या और चोरी के मामले में आरोपी बना था। वर्ष 1989 में ट्रायल कोर्ट ने उसे हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। इसी साल, वह कोर्ट के आदेश पर पैरोल पर बाहर आया और अपनी सज़ा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की।

पैरोल मिलने के बाद वह दोबारा जेल नहीं लौटा और तभी से फरार चल रहा था। पुलिस की निगाहों से बचने के लिए उसने बरेली छोड़ दिया और कई जगह ठिकाने बदले।

प्रदीप से अब्दुल रहीम तक का सफ़र

पुलिस को चकमा देने के लिए प्रदीप सक्सेना ने एक नई चाल चली। उसने वर्ष 2002 में धर्म परिवर्तन कर लिया और अपना नाम अब्दुल रहीम रख लिया। उसने मुस्लिम रीति-रिवाजों को अपना लिया, दाढ़ी बढ़ा ली और मुरादाबाद के मोहल्ला करूला में रहने लगा।

वहा वह 'अब्दुल रहीम उर्फ सक्सेना ड्राइवर' के नाम से वाहन चलाने का काम करने लगा। इतना ही नहीं, उसने वहा एक मुस्लिम विधवा महिला से निकाह भी कर लिया और एक सामान्य जीवन जीने लगा। पुलिस को भनक तक नहीं लगी कि हत्या का दोषी 36 साल से उसकी नाक के नीचे रह रहा है।

हाईकोर्ट के आदेश से खुला राज़

हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रदीप सक्सेना की लंबित अपील पर सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने पुलिस को सख्ती दिखाते हुए आरोपी को चार सप्ताह के भीतर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया।

एसएसपी के निर्देश पर पुलिस की विशेष टीम ने छानबीन शुरू की। पुलिस ने पहले उसके पैतृक निवास शाही में पूछताछ की, फिर उसके भाई सुरेश बाबू सक्सेना को ढूँढ़ा, जिससे पता चला कि प्रदीप धर्म बदलकर मुरादाबाद में ड्राइवर का काम करता है।

मुरादाबाद पहुचकर पुलिस ने 'सक्सेना ड्राइवर' के बारे में पूछताछ की, तो पता चला कि वह काम से बरेली गया है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 70 वर्षीय प्रदीप सक्सेना को बरेली की डेलापीर मंडी से गिरफ्तार कर लिया।

शुरुआत में उसने इनकार किया, लेकिन सबूतों के सामने उसने कबूल किया कि वही प्रदीप सक्सेना है जो 36 साल से फरार था। पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश किया, जहा से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।


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