मेरठ: काम के दबाव से परेशान बीएलओ ने खाया जहर, सुपरवाइजर पर सस्पेंड करने की धमकी का आरोप

काम के दबाव से परेशान बीएलओ ने खाया जहर, सुपरवाइजर पर सस्पेंड करने की धमकी का आरोप
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जिलाधिकारी डा. वीके सिंह ने किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से इनकार किया है और जांच का आश्वासन दिया है।

मेरठ में बीएलओ मोहित चौधरी ने गणना प्रपत्र जमा करने के दबाव और सुपरवाइजर द्वारा सस्पेंड करने की धमकी से तंग आकर जहर खा लिया।

मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ में विधानसभा मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में लगे एक बीएलओ मोहित चौधरी ने काम के अत्यधिक दबाव और कथित उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया है।

सिंचाई विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत मोहित ने पल्लवपुरम स्थित बूथ पर गणना प्रपत्र जमा करने के दौरान जहर खा लिया।

परिजनों ने सुपरवाइजर पर बार-बार निलंबित करने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया है, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में लोकप्रिय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

अत्यधिक दबाव और निलंबन की धमकी

मोहित चौधरी ने जहर खाने से ठीक पहले अपने रिश्तेदारों को फोन पर बताया था कि सुपरवाइजर द्वारा गणना प्रपत्र तुरंत जमा न करने पर उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा था और निलंबित करने की धमकी दी जा रही थी।

साथी बीएलओ ने भी अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि गणना प्रपत्र जमा करने में थोड़ी भी लापरवाही होने पर सभी बीएलओ को सस्पेंड कराने की धमकी दी जा रही है। मोहित की पत्नी ज्योति ने भी पुष्टि की कि उनके पति काम के अत्यधिक बोझ के कारण मानसिक तनाव में थे और ठीक से खाना भी नहीं खा पा रहे थे।

अस्पताल में भर्ती और परिजनों का हंगामा

जहर खाने के बाद मोहित को तुरंत पल्लवपुरम के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें मेरठ के लोकप्रिय अस्पताल में रेफर कर दिया गया। उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।

घटना की खबर मिलते ही परिवार, रिश्तेदार और सिंचाई विभाग के कर्मचारी अस्पताल पहुंचे और अधिकारियों के खिलाफ जमकर हंगामा किया। सहकर्मियों ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या सिस्टम की प्राथमिकता केवल डेडलाइन है, या कर्मचारियों का मानसिक स्वास्थ्य भी मायने रखता है।

प्रशासन ने दिए जांच के आदेश

मामले की गंभीरता को देखते हुए देर रात एडीएम-ई सत्यप्रकाश अस्पताल पहुंचे और घायल मोहित के बयान दर्ज किए। उन्होंने हर संभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि मोहित बहुत अच्छे कर्मचारियों में से एक हैं और उन्होंने लगभग 75% काम पूरा कर लिया था।

जिलाधिकारी और जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. वीके सिंह ने हालांकि किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से इनकार किया है और मामले की विस्तृत जांच का आश्वासन दिया है। इस बीच, उप निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने गणना प्रपत्र जमा करने की तारीख आठ दिन बढ़ा दी है।

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