BHU छात्रों का उग्र प्रदर्शन: नौकरी में सर्टिफिकेट अमान्य होने पर कुलपति आवास के बाहर हंगामा!

छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए कोर्स के सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं दी जाती।
वाराणसी : वाराणसी स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब बी.पीएड और एम.पीएड कोर्स के सैकड़ों छात्रों ने कुलपति आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया।
छात्रों का आक्रोश इस बात को लेकर फूटा कि दो साल का कोर्स पूरा करने के बावजूद उनके सर्टिफिकेट को नवोदय विद्यालय सहित अन्य सरकारी भर्तियों में अमान्य ठहराया जा रहा है। अपने भविष्य की चिंता से परेशान छात्रों ने समाधान की मांग करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर दबाव बनाया।

प्रदर्शन का कारण और छात्रों की मांग
बीएचयू में शारीरिक शिक्षा से जुड़े इन छात्रों का कहना है कि वे वर्षों से परिश्रम करके यह कोर्स करते हैं, लेकिन जब सरकारी नौकरियों, खासकर नवोदय विद्यालय जैसी प्रतिष्ठित संस्थानों में, आवेदन करने का समय आता है तो उनके विश्वविद्यालय द्वारा जारी किए गए कोर्स के सर्टिफिकेट को मान्यता नहीं दी जाती।

छात्रों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय की तरफ से की गई कोई त्रुटि या नियामक संस्था के साथ तालमेल की कमी उन्हें सीधे तौर पर बेरोजगार बना रही है।
छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी इस गंभीर समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे अपने प्रदर्शन को और तेज़ करेंगे। छात्रों की मांग है कि उनके सर्टिफिकेट को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय स्तर की सभी भर्तियों में वैध घोषित करवाया जाए।

प्रशासन की पहल और कुलपति से वार्ता
छात्रों के उग्र प्रदर्शन और विश्वविद्यालय में मचे हड़कंप के बाद प्रशासन तुरंत हरकत में आया। स्थिति को संभालने के लिए, प्रदर्शनकारी छात्रों के एक प्रतिनिधि मंडल को कुलपति से मिलवाया गया। कुलपति ने छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि यह सिर्फ बीएचयू का नहीं, बल्कि कई छात्रों के भविष्य का सवाल है।
वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया कि छात्रों की इस समस्या को लेकर एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधि मंडल जल्द ही दिल्ली के लिए रवाना होगा।
दिल्ली में मंत्रालय के सामने उठेगा मुद्दा
छात्रों की समस्या के समाधान के लिए अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। निर्णय के अनुसार, बीएचयू के छात्रों और प्रोफेसरों का एक संयुक्त प्रतिनिधि मंडल जल्द ही दिल्ली में संबंधित मंत्रालय के सामने अपनी समस्या और मांगों को रखेगा।
इस प्रतिनिधि मंडल का उद्देश्य मंत्रालय से सीधे हस्तक्षेप करवाकर बी.पीएड और एम.पीएड के सर्टिफिकेट को सरकारी नौकरियों में मान्य करवाना है, ताकि दो साल की कड़ी मेहनत के बाद छात्रों को नौकरी से वंचित न होना पड़े और उनके भविष्य की चिंता दूर हो सके।
