यात्रीगण कृपया ध्यान दें: बनारस रेलवे स्टेशन कोड बदला, अब 'BSBS' की जगह 'BNRS' से होगी टिकट बुकिंग

बनारस रेलवे स्टेशन कोड बदला, अब BSBS की जगह BNRS से होगी टिकट बुकिंग
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मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन 15 जुलाई, 2021 को किया गया था।

यह बदलाव यात्रियों के बीच आरक्षण में होने वाले भ्रम को खत्म करने और स्टेशन के नाम का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए किया गया है।

वाराणसी : बनारस रेलवे स्टेशन का अल्फाबेटिकल स्टेशन कोड 1 दिसंबर, 2025 से बदल जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे ने यात्रियों की सुविधा और बुकिंग के दौरान होने वाली भ्रम की स्थिति को समाप्त करने के लिए यह प्रशासनिक बदलाव किया है।

अब ट्रेन टिकट आरक्षण कराते समय या नेशनल ट्रेन इन्क्वायरी सिस्टम पर जानकारी लेते समय यात्रियों को स्टेशन के वर्तमान कोड 'BSBS' के स्थान पर नया कोड 'BNRS' अंकित करना होगा।

1 दिसंबर से अनिवार्य होगा नया कोड 'BNRS'

बनारस रेलवे स्टेशन, जो पहले मंडुआडीह स्टेशन के नाम से जाना जाता था, का कोड 1 दिसंबर, 2025 से पूरी तरह से बदल जाएगा। वर्तमान में स्टेशन का कोड 'BSBS' है। इस तिथि के बाद, टिकट काउंटर से लेकर आईआरसीटीसी की वेबसाइट और ऐप तक, सभी जगहों पर यात्रियों को केवल नए कोड 'BNRS' का ही उपयोग करना होगा।

रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी भविष्य की यात्रा योजनाओं में इस बदलाव को ध्यान में रखें ताकि आरक्षण और पूछताछ के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

कोड बदलने का मुख्य कारण क्या है?

रेलवे द्वारा यह महत्वपूर्ण बदलाव मुख्य रूप से प्रशासनिक कारणों और यात्रियों की सुविधा को प्राथमिकता देते हुए किया गया है। वाराणसी में कई स्टेशन हैं, जैसे वाराणसी जंक्शन (BSB) और बनारस स्टेशन (BSBS)। इन दोनों कोड्स में काफी समानता होने के कारण दूर-दराज के यात्रियों को अक्सर आरक्षण कराते समय या स्टेशन की पहचान करते समय भ्रम की स्थिति का सामना करना पड़ता था।

नया कोड 'BNRS' सीधे तौर पर 'बनारस' शहर के नाम को दर्शाता है, जिससे यात्रियों के लिए सही स्टेशन की पहचान करना और बुकिंग करना बेहद आसान हो जाएगा। यह

बनारस स्टेशन - सांस्कृतिक पहचान और इतिहास

यह रेलवे स्टेशन अपनी सांस्कृतिक पहचान के लिए भी विशेष महत्व रखता है। मंडुआडीह स्टेशन का नाम बदलकर बनारस स्टेशन 15 जुलाई, 2021 को किया गया था। भारतीय संस्कृति को सहेजने के लिए, स्टेशन पर लगे नाम बोर्डों पर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू के साथ-साथ संस्कृत में भी स्टेशन का नाम लिखा गया है, जो प्राचीन काशी की संस्कृति का अहसास कराता है।

कोड में यह बदलाव (BNRS) नाम परिवर्तन के बाद बनारस की पहचान को और भी मजबूती प्रदान करेगा।

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