अयोध्या धाम: रामसेतु निर्माण में योगदान देने वाली गिलहरी को राम मंदिर में मिला विशेष स्थान!

Ayodhya Ram Mandir Squirrel Statue
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राम मंदिर परिसर में रामसेतु निर्माण में योगदान देने वाली गिलहरी की प्रतिमा स्थापित। अंगद टीले पर विराजित यह प्रतिमा सेवा, भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक बनी।

अयोध्या: राम मंदिर के भव्य निर्माण के अंतिम चरण में, एक गिलहरी को विशेष सम्मान दिया गया है, जिसने पौराणिक कथाओं के अनुसार रामसेतु के निर्माण में अपना योगदान दिया था। राम जन्मभूमि परिसर में स्थित अंगद टीले पर इस गिलहरी की एक प्रतिमा स्थापित की गई है। यह प्रतिमा छोटी गिलहरी के बड़े योगदान को दर्शाती है और सभी जीवों के प्रति भगवान राम के प्रेम का प्रतीक है।

गिलहरी को मिला विशेष स्थान

भगवान राम के प्रति गिलहरी की भक्ति को हमेशा सराहा जाता रहा है। कथाओं के अनुसार, जब रामसेतु का निर्माण हो रहा था, तब एक छोटी गिलहरी भी अपनी सामर्थ्य के अनुसार छोटे-छोटे कंकड़ और रेत लाकर पुल बनाने में मदद कर रही थी। भगवान राम ने उसकी निष्ठा देखकर उसे अपने हाथों से सहलाया था, जिससे उसकी पीठ पर आज भी तीन सफेद धारियाँ बनी हुई हैं। अयोध्या में उसकी प्रतिमा स्थापित कर इस अनूठी भक्ति को सम्मान दिया गया है।




अंगद टीले पर स्थापित प्रतिमा

गिलहरी की यह प्रतिमा राम जन्मभूमि परिसर में मौजूद अंगद टीले पर स्थापित की गई है। इस टीले का नाम भगवान राम की सेना के एक प्रमुख सदस्य, अंगद के नाम पर पड़ा है। प्रतिमा को इस तरह से बनाया गया है कि वह भव्य राम मंदिर की ओर देख रही है, जो उसकी अटूट भक्ति को दर्शाता है। यह स्थान अब श्रद्धालुओं के लिए एक और आकर्षण का केंद्र बन गया है, जो इस कहानी को याद दिलाता है।

अंतिम चरण में राम मंदिर का निर्माण

राम मंदिर का निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है और इसमें गुणवत्ता जांच की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने वाली है। निर्माण कार्य की निगरानी के लिए बनाए गए ट्रस्ट ने हर पहलू पर बारीकी से ध्यान दिया है, ताकि मंदिर की भव्यता और मजबूती दोनों सुनिश्चित की जा सकें।

प्रकृति और जीव-जंतुओं के प्रति सम्मान

यह प्रतिमा केवल एक प्रतीक नहीं है, बल्कि यह सनातन धर्म में प्रकृति और सभी जीवों के प्रति रखे जाने वाले सम्मान को भी दर्शाती है। यह हमें सिखाती है कि चाहे कोई कितना भी छोटा क्यों न हो, अगर वह सच्चे मन से किसी महान कार्य में योगदान देता है, तो उसका सम्मान होना चाहिए। गिलहरी की यह प्रतिमा अयोध्या आने वाले हर भक्त को प्रेम, भक्ति और निःस्वार्थ सेवा का संदेश देगी।

सोर्स: हरिभूमि लखनऊ ब्यूरो

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