आस्था और गौरव का महासंगम: विश्व पटल पर 'राम राज्य' की भव्य झलक,अयोध्या दीपोत्सव में जुड़ेंगे दो नए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड!

आंकड़ों के अनुसार, 2025 के शुरुआती छह महीनों में ही 23.82 करोड़ से अधिक पर्यटक अयोध्या पहुंचे हैं, जो इसकी बढ़ती वैश्विक पहचान को दर्शाता है।
अयोध्या : भगवान श्री राम की पावन नगरी अयोध्या इस साल अपने नौवें दीपोत्सव के लिए पूरी तरह से तैयार है। 19 अक्टूबर 2025 को सरयू के तट पर एक बार फिर आस्था और संस्कृति का ऐसा भव्य नज़ारा दिखने वाला है, जो विश्व पटल पर भारत की आध्यात्मिक विरासत की अमिट छाप छोड़ेगा। इस वर्ष, उत्तर प्रदेश सरकार और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के नेतृत्व में दीपोत्सव को अब तक का सबसे विशाल रूप दिया जा रहा है। मुख्य आयोजन के दौरान, 56 घाटों पर एक साथ 26 लाख 11 हज़ार 101 दीये प्रज्वलित कर एक नया गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए, घाटों पर 28 लाख से अधिक दीये बिछाने का कार्य अंतिम चरण में है, जो पिछले सभी कीर्तिमानों को ध्वस्त कर देगा।
भव्यता के नए आयाम और लक्ष्मण किला घाट
इस साल के दीपोत्सव की सबसे ख़ास बात यह है कि यह आयोजन अब केवल राम की पैड़ी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका विस्तार लक्ष्मण किला घाट तक किया गया है, जिसे पहली बार इस भव्य उत्सव में शामिल किया गया है। लक्ष्मण किला घाट पर अकेले सवा चार लाख दीये रोशन करने की तैयारी है, जो दीपोत्सव की भव्यता को कई गुना बढ़ा देगा। इन दीयों को जलाने के लिए 73,000 लीटर तेल और 55 लाख रुई की बत्तियों का विशाल इंतजाम किया गया है। दीपोत्सव केवल दीपों का उत्सव नहीं है, बल्कि यह स्थानीय कारीगरों के लिए भी बड़ा अवसर है। लगभग 16 लाख दीये स्थानीय कुम्हार परिवारों द्वारा हस्तनिर्मित किए गए हैं, जिससे उनकी आजीविका को बड़ा संबल मिला है।
जन सहभागिता और स्वयंसेवकों का उत्साह
इस महायज्ञ को सफल बनाने में जन सहभागिता अभूतपूर्व है। अवध विश्वविद्यालय से जुड़े लगभग 33,000 स्वयंसेवक, जिनमें छात्र, शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हैं, दिन-रात एक कर घाटों पर दीये सजाने में जुटे हैं। उनके उत्साह और समर्पण से पूरी रामनगरी 'राम काज' की भावना से ओत-प्रोत है। दीपोत्सव के दौरान एक और नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है, जहां 2100 श्रद्धालु एक साथ सामूहिक 'महाआरती' करेंगे, जो दिव्य और अविस्मरणीय अनुभव होगा।
संस्कृति, तकनीक और सुरक्षा का संगम
तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। 1,100 'मेड इन इंडिया' ड्रोन आकाश में रामायण के दृश्यों को 3D होलोग्राफिक लेजर शो के माध्यम से जीवंत करेंगे। इसके अलावा, रंग-बिरंगी आतिशबाज़ी, रामलीला मंचन और उत्तर प्रदेश की लोककला को दर्शाती रंगोलियां पूरे उत्सव में भारतीय परंपरा की झलक बिखेरेंगी। सुरक्षा की दृष्टि से भी प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। उत्तर प्रदेश एटीएस के ब्लैक कमांडोज, सिविल पुलिस, पीएसी और आरएएफ की तैनाती की गई है, ताकि हर आगंतुक सुरक्षित और दिव्य अनुभव लेकर लौटे।
आस्था का केंद्र बनी रामनगरी
अयोध्या अब केवल एक धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि वैश्विक पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बन चुकी है। दीपोत्सव जैसे भव्य आयोजनों के कारण पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2025 के शुरुआती छह महीनों में ही 23.82 करोड़ से अधिक पर्यटक अयोध्या पहुंचे हैं, जो इसकी बढ़ती वैश्विक पहचान को दर्शाता है। यह दीपोत्सव प्रभु श्री राम के आदर्शों और 'राम राज्य' की संकल्पना को विश्व भर में फैलाने का एक सशक्त माध्यम है।
