UP Vision Document 2047: विकसित यूपी 2047' का रोडमैप तैयार- जनता के 9000 सर्वश्रेष्ठ सुझाव बनेंगे विजन डॉक्यूमेंट का हिस्सा

नियोजन विभाग और नीति आयोग की संयुक्त टीम ने विभागों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार अपने महत्वाकांक्षी 'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047' विजन डॉक्यूमेंट को जन-सहभागिता से तैयार कर रही है। इस प्रक्रिया में जनता से रिकॉर्ड तोड़ 35 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं। सरकार ने इन जनभावनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, इनमें से 9000 सबसे उत्कृष्ट सुझावों को विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने का निर्णय लिया है।
यह पहल अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है, जिसमें युवा, किसान, उद्यमी और महिलाएं सभी अपने सपनों के यूपी के लिए अपनी सोच व्यक्त कर रहे हैं। इन सुझावों में शिक्षा में AI को अनिवार्य करने, शहरों को डिजिटल हब बनाने, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और पूर्वांचल में ग्रीन एनर्जी आधारित उद्योगों की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। एक तरफ जहां सुझावों की छंटाई हो रही है, वहीं दूसरी ओर नीति आयोग, नियोजन विभाग और डिलाइट की संयुक्त टीम ने विभागों के साथ सेक्टरवार बैठकें शुरू कर दी हैं, ताकि जल्द ही रोडमैप तैयार करने का काम शुरू हो सके।
विजन डॉक्यूमेंट में जन-सहभागिता की रिकॉर्ड तोड़ सफलता
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'समर्थ उत्तर प्रदेश-विकसित उत्तर प्रदेश 2047' विजन डॉक्यूमेंट के लिए जनता से सुझाव लेने का अभियान अब एक विशाल जनआंदोलन में बदल गया है। सरकार की अपील पर राज्य के नागरिकों ने अभूतपूर्व उत्साह दिखाया है और उन्हें 35 लाख से अधिक सुझाव प्राप्त हुए हैं।
आम जनता ने विभिन्न माध्यमों से अपने विचार, अनुभव और उम्मीदें व्यक्त की हैं, जो राज्य के भविष्य के प्रति उनकी गहरी रुचि को दर्शाते हैं। इन सुझावों में समाज के हर वर्ग, जैसे युवा, किसान, व्यापारी, इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक और महिलाएं, ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है, और बताया है कि वे कैसा विकसित उत्तर प्रदेश देखना चाहते हैं।
प्राप्त सुझावों में शिक्षा, डिजिटल नवाचार, पर्यटन, औद्योगिक विकास और सुशासन जैसे कई महत्वपूर्ण सेक्टरों से जुड़े मुद्दे शामिल हैं। सरकार ने इस विशाल जनभागीदारी का सम्मान करते हुए, विकास के नजरिए से सबसे बेहतर सुझावों को विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने की पूरी तैयारी कर ली है।
9000 सर्वश्रेष्ठ सुझावों को शामिल करने की तैयारी
जनता से मिले 35 लाख से अधिक सुझावों में से, सरकार ने 9000 सबसे उत्कृष्ट और विकास-उन्मुख सुझावों को 'विकसित उत्तर प्रदेश 2047' विजन डॉक्यूमेंट का अनिवार्य हिस्सा बनाने का निश्चय किया है।
इन जनभावनाओं को प्राथमिकता देने के लिए, इसके अलावा, सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि विजन डॉक्यूमेंट में राज्य के सभी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व हो, इसलिए प्रत्येक जिले से 120 सबसे अच्छे सुझावों को इसमें शामिल किया जाएगा। इस तरह, सरकार का लक्ष्य है कि यह विकास दस्तावेज केवल सरकारी योजना न होकर, जनता की सामूहिक उम्मीदों का एक प्रतिबिंब हो।
प्रमुख सुझावों में डिजिटल और औद्योगिक विकास पर ज़ोर
जनता की तरफ से आए सुझावों में राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए कई दूरदर्शी विचार सामने आए हैं। प्रमुखता से शामिल कुछ सुझावों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की शिक्षा को विद्यालयों में अनिवार्य करना, शहरों को डिजिटल इनोवेशन का हब बनाना और आईटी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री स्थापित करना शामिल है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी ज़ोर दिया गया है, जिसमें उन्हें डिजिटली साक्षर बनाते हुए स्वरोजगार से जोड़ने का सुझाव दिया गया है। पर्यटन के क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और चैरिटेबल सांस्कृतिक पर्यटन शुरू करने के प्रस्ताव हैं।
औद्योगिक विकास के लिए, पूर्वांचल में फूड प्रोसेसिंग और ग्रीन एनर्जी आधारित उद्योगों की स्थापना पर बल दिया गया है, साथ ही वैश्विक कंपनियों को यूपी में निवेश के लिए आकर्षित करने के उपाय सुझाए गए हैं। इसके अलावा, शहरी विकास में जल निकासी की बेहतर व्यवस्था करने जैसे मूलभूत सुधारों पर भी जनता ने ध्यान दिलाया है, जो राज्य के संतुलित विकास की दिशा में एक स्पष्ट संकेत है।
सरकार ने विजन डॉक्यूमेंट के रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए भी कदम उठा दिए हैं। नीति आयोग, नियोजन विभाग और संस्था डिलाइट के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त टीम ने राज्य के विभिन्न विभागों के साथ सेक्टरवार बैठकें शुरू कर दी हैं। कृषि एवं संबद्ध सेक्टर, पशुधन संरक्षण, औद्योगिक विकास, पर्यटन, नगर एवं ग्राम्य विकास, अवस्थापना, समाज कल्याण, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे प्रमुख सेक्टरों से जुड़े विभागों के साथ बैठकें पहले ही संपन्न हो चुकी हैं।
अगले एक-दो दिनों में सेक्टर संतुलित विकास, आईटी एवं इमर्जिंग टेक्नोलॉजी और सुरक्षा एवं सुशासन सेक्टर से जुड़े अधिकारियों के साथ भी महत्वपूर्ण बैठकें होने वाली हैं। इन बैठकों का उद्देश्य संबंधित विभागों को उनके सेक्टरवार फोकस एरिया से अवगत कराना है, ताकि वे अपने क्षेत्र के विकास के लिए ठोस रोडमैप तैयार करने का काम जल्द से जल्द शुरू कर सकें।
