लखनऊ: राष्ट्र प्रेरणा स्थल के पास 71 भेड़ों की मौत, सीएम योगी ने दिए जांच और मुआवजे के आदेश

सीएम योगी ने पशुपालकों को प्रति भेड़ 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
लखनऊ : राजधानी लखनऊ के दुबग्गा इलाके में स्थित नवनिर्मित 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' के पास एक हृदय विदारक घटना सामने आई है।
यहा खुले में फेंका गया बासी और सड़ा हुआ खाना खाने से 71 भेड़ों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 150 से अधिक भेड़ों की हालत गंभीर बनी हुई है। इस बड़ी लापरवाही का संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया है।
उन्होंने तत्काल के आदेश जारी करने के साथ ही प्रभावित पशुपालकों के लिए आर्थिक सहायता की घोषणा की है।
प्रेरणा स्थल की पार्किंग में फेंका गया था जहरीला खाना
मिली जानकारी के अनुसार, 25 दिसंबर को 'राष्ट्र प्रेरणा स्थल' के भव्य उद्घाटन कार्यक्रम के बाद बचा हुआ भारी मात्रा में खाना पार्किंग क्षेत्र और आसपास के खाली मैदानों में फेंक दिया गया था।
खुले में पड़े रहने और बारिश व नमी के कारण यह खाना पूरी तरह सड़ गया और जहरीला हो गया। रविवार को जब स्थानीय पशुपालक अपनी भेड़ों को वहां चराने ले गए, तो भूख के कारण भेड़ों ने इस जहरीले खाने को खा लिया।
इसके कुछ ही घंटों बाद भेड़ों की तबीयत बिगड़ने लगी और उनके पेट फूलने शुरू हो गए।
71 भेड़ों की मौत और 150 से अधिक की हालत गंभीर
पशुपालक विजय पाल और अन्य प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, खाना खाने के कुछ ही समय बाद एक-एक कर भेड़ें जमीन पर गिरने लगीं। देखते ही देखते 71 भेड़ों ने दम तोड़ दिया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।
सूचना मिलने पर पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बीमार भेड़ों का इलाज शुरू किया। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि लगभग 78 भेड़ों को उपचार के बाद बचा लिया गया है, लेकिन 150 के करीब अभी भी मरणासन्न स्थिति में हैं।
मृत भेड़ों का पोस्टमार्टम कराया गया है और मौत के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए विसरा सुरक्षित रख लिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सख्त एक्शन और आर्थिक मदद
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को फटकार लगाई है। उन्होंने मामले की गहन जांच के आदेश देते हुए यह स्पष्ट किया है कि यदि किसी भी विभाग या व्यक्ति की लापरवाही सामने आती है, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने गरीब पशुपालकों को राहत देते हुए प्रति भेड़ 10,000 रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।
प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अब तक पीड़ित परिवारों को कुल 8.70 लाख रुपये की मुआवजा राशि वितरित कर दी है।
नगर निगम और प्रशासन की लापरवाही पर उठे सवाल
इस हादसे ने स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीआईपी कार्यक्रम के बाद बचे हुए खाने का सही निस्तारण न करना और उसे खुले में छोड़ देना इस बड़ी त्रासदी का मुख्य कारण माना जा रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यदि नगर निगम ने समय रहते सफाई की होती, तो इन बेजुबानों की जान नहीं जाती।
फिलहाल, फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है ताकि यह पुष्टि हो सके कि खाने में कोई जहरीला केमिकल था या केवल सड़ने के कारण फूड पॉइजनिंग हुई।
