Medical Science: लखनऊ ने रचा इतिहास! शहर के 49 डॉक्टर दुनिया के टॉप 2% वैज्ञानिकों में शामिल

लखनऊ: चिकित्सा और वैज्ञानिक शोध के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने एक बार फिर अपनी काबिलियत साबित की है। अमेरिका की प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और Elsevier द्वारा संयुक्त रूप से जारी दुनिया के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में शहर के कुल 49 डॉक्टर, वैज्ञानिक और प्रोफेसरों ने अपनी जगह बनाई है। यह उपलब्धि लखनऊ के चिकित्सा और शोध संस्थानों की विश्वस्तरीय गुणवत्ता और डॉक्टर की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।
क्या है यह 'वर्ल्ड्स टॉप 2% साइंटिस्ट्स' सूची?
यह सूची वैज्ञानिकों के शोध कार्यों के प्रभाव का आकलन करती है। इसमें चयन के लिए कई मापदंडों का उपयोग किया जाता है, जिनमें उनके करियर के दौरान किए गए शोध कार्य, उनके शोध पत्रों को मिलने वाले उद्धरणों की संख्या, h-index और अन्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक गतिविधियों को शामिल किया जाता है। इस सूची में स्थान प्राप्त करना किसी भी वैज्ञानिक के लिए एक बड़ा सम्मान माना जाता है। इस बार की सूची 2023 के दौरान किए गए शोध और वैज्ञानिक गतिविधियों पर आधारित है।
SGPGI और KGMU का दबदबा
लखनऊ के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों, संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) और किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) ने इस सूची में सबसे अधिक योगदान दिया है। SGPGI के 15 डॉक्टर और KGMU के 12 फैकल्टी सदस्य इस प्रतिष्ठित सूची में शामिल हैं।
SGPGI से ये नाम शामिल हैं:
डॉ. आर.के. धीमन (निदेशक), डॉ. नारायण प्रसाद, डॉ. जयंति कालिता, डॉ. गौरव अग्रवाल, डॉ. राकेश अग्रवाल, डॉ. अमिता अग्रवाल, डॉ. उज्ज्वल पोद्दार, डॉ. अंशु श्रीवास्तव, डॉ. मोहन गुर्जर, डॉ. प्रभाकर मिश्रा, डॉ. दुर्गा प्रसन्ना मिश्रा, डॉ. रोहित सिन्हा, प्रो. बलराज मित्तल (सेवानिवृत्त), डॉ. रमा देवी मित्तल (सेवानिवृत्त), और यूपी घोषाल।
KGMU से इन नामों को मिली जगह:
डॉ. आर.के. गर्ग, डॉ. सुजीत कुमार कर, डॉ. स्मिता कुमार, डॉ. राजेश कुमार वर्मा, डॉ. शैलेंद्र कुमार सक्सेना, डॉ. अब्बास अली मेहदी, डॉ. दिव्या मल्होत्रा, डॉ. रश्मि कुमार, डॉ. सूर्यकांत, डॉ. रूबी द्विवेदी, डॉ. अखिलानंद चौरसिया, और डॉ. ज्योति के. सिंह।
अन्य संस्थानों का भी भागीदारी
इस सूची में केवल प्रमुख मेडिकल कॉलेज ही नहीं, बल्कि लखनऊ के अन्य शैक्षिक संस्थानों ने भी अपनी छाप छोड़ी है। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (BBAU) के 14, लखनऊ विश्वविद्यालय (LU) के 5 और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय (AKTU) के 2 फैकल्टी सदस्यों को भी यह सम्मान मिला है।
BBAU से शामिल प्रमुख फैकल्टी सदस्य:
प्रो. नवीन कुमार अरोरा (पर्यावरण विज्ञान), प्रो. राम नरेश भार्गव (एनवायर्नमेंटल माइक्रोबायोलॉजी), डॉ. रमेश चंद्रा (भौतिक विज्ञान), डॉ. जयशंकर सिंह, डॉ. विमल चंद्र पांडेय, डॉ. आदित्य खंपरिया (कंप्यूटर साइंस), डॉ. राजेश कुमार सिंह, प्रो. बाल चंद्र यादव और प्रो. बी.एस. भदौरिया (गणित)।
लखनऊ विश्वविद्यालय से शामिल हैं:
प्रो. अमृतांशु शुक्ला, डॉ. सी.आर. गौतम, प्रो. अभिनव कुमार, डॉ. विनोद कुमार वशिष्ठ और प्रो. आईबी सिंह।
विशेषज्ञों के शोध कार्य और लखनऊ के लिए मायने
इस उपलब्धि का महत्व सिर्फ नामों की सूची तक सीमित नहीं है, लखनऊ और यहां के रहने वाले लोगों के लिए भी गर्व का विषय है। साथ ही साथ इन शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को भी उनसे प्रेरणा मिलेगी। उन महत्वपूर्ण शोध कार्यों को भी लोग जा पाएंगे जो इन विशेषज्ञों ने किए हैं। उदाहरण के लिए, लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. अभिनव कुमार का काम संक्रमणकालीन धातुओं और पॉलिमर पर केंद्रित है, जबकि डॉ. विनोद वशिष्ठ पृथक्करण विज्ञान और बायोलॉजिकल एक्टिविटी पर शोध कर रहे हैं। डॉ. सी.आर. गौतम सिरेमिक सामग्री के क्षेत्र में सक्रिय हैं।
