UP DGP Press Confrence: 48 अपराधी मुठभेड़ में ढेर, 79 को मिली फांसी की सजा - डीजीपी राजीव कृष्णा

48 अपराधी मुठभेड़ में ढेर, 79 को मिली फांसी की सजा - डीजीपी राजीव कृष्णा
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डीजीपी ने बताया कि अब प्रदेश में AI की मदद से संदिग्धों की निगरानी की जा रही है।

माफियाओं की अवैध संपत्तियां कुर्क की गईं और तकनीक के जरिए कानून व्यवस्था को और मजबूत करने का संकल्प दोहराया गया।

लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्णा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश की कानून व्यवस्था का लेखा-जोखा पेश किया।

उन्होंने बताया कि साल 2025 में पुलिस की सक्रियता और प्रभावी पैरवी के चलते अपराधियों में खौफ का माहौल है। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप प्रदेश में 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है, जिसके सकारात्मक परिणाम धरातल पर दिखाई दे रहे हैं।

एनकाउंटर में 48 ढेर और हजारों की गिरफ्तारी

उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस साल अपराधियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए विभिन्न जिलों में हुई मुठभेड़ों में 48 कुख्यात अपराधियों को मार गिराया है।

डीजीपी के अनुसार, इन मुठभेड़ों के दौरान पुलिस ने न केवल आत्मरक्षा में कार्रवाई की, बल्कि प्रदेश के उन इनामी बदमाशों को भी खत्म किया जो लंबे समय से फरार चल रहे थे।

इसके साथ ही, पुलिस ने मुठभेड़ और विशेष अभियानों के माध्यम से करीब 150 से अधिक घायल अपराधियों सहित हजारों की संख्या में वांछित बदमाशों को सलाखों के पीछे पहुचाने में सफलता हासिल की है।

न्यायिक पैरवी से 79 अपराधियों को मृत्युदंड

प्रदेश की कानून व्यवस्था के इतिहास में इस साल सजा दिलाने की दर में भारी वृद्धि देखी गई है। डीजीपी ने प्रेस वार्ता में विशेष रूप से उल्लेख किया कि पुलिस और अभियोजन विभाग के बेहतर तालमेल की वजह से इस साल कुल 79 खूंखार अपराधियों को न्यायालय द्वारा मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है।

यह पुलिस की प्रभावी पैरवी का ही नतीजा है कि जघन्य अपराधों में शामिल अपराधियों को रिकॉर्ड समय में सजा मिल रही है, जिससे न्याय प्रणाली में आम जनता का विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है।

माफियाओं के आर्थिक तंत्र पर कड़ी चोट

संगठित अपराध को पूरी तरह समाप्त करने के लिए पुलिस ने माफियाओं की अवैध संपत्तियों को निशाना बनाया है। इस वर्ष गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए माफियाओं की अरबों रुपये की चल-अचल संपत्ति को कुर्क और ध्वस्त किया गया है।

डीजीपी ने बताया कि पुलिस का मुख्य उद्देश्य अपराधियों के आर्थिक साम्राज्य को ध्वस्त करना है, ताकि वे दोबारा अपराध की दुनिया में पैर न जमा सकें। इस कार्रवाई के तहत अब तक की सबसे बड़ी जब्ती की गई है, जिसमें कई सफेदपोश अपराधियों के नाम भी सामने आए हैं।

सुरक्षा का भरोसा और भविष्य की रणनीति

डीजीपी ने भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि आगामी कुंभ और अन्य बड़े आयोजनों के लिए यूपी पुलिस पूरी तरह तैयार है। सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक पुख्ता करने के लिए एआई और आधुनिक तकनीक का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है।

महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए 'मिशन शक्ति' के तहत हर जिले में विशेष दस्ते तैनात किए गए हैं। अंत में उन्होंने दोहराया कि प्रदेश में शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और पुलिस की यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।


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