कोल्ड' पर 'हीट' का पहरा: विंध्यवासिनी धाम में प्रशासन का 'वार्म' वेलकम, हीटरों की गर्माहट के बीच दर्शन करेंगे श्रद्धालु

विंध्यवासिनी धाम में प्रशासन का वार्म वेलकम, हीटरों की गर्माहट के बीच दर्शन करेंगे श्रद्धालु
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मंदिर प्रशासन के इस निर्णय की श्रद्धालुओं और तीर्थ पुरोहितों ने जमकर सराहना की है।

प्रशासन और विंध्य विकास परिषद ने मंदिर परिसर, परिक्रमा पथ और वीआईपी मार्गों पर 12 आधुनिक टावर हीटर लगवाए हैं।

मिर्ज़ापुर : मिर्ज़ापुर में जारी भीषण शीतलहर और कड़ाके की ठंड को देखते हुए विंध्य विकास परिषद और जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के हित में बड़ा कदम उठाया है।

मां विंध्यवासिनी मंदिर परिसर और आसपास के प्रमुख मार्गों पर 12 आधुनिक हीटर लगाए गए हैं, ताकि दर्शन के लिए घंटों लाइन में खड़े भक्तों को कंपकंपाती ठंड से बचाया जा सके।

भीषण ठंड में श्रद्धालुओं को मिली बड़ी राहत

मीरजापुर और आस-पास के क्षेत्रों में इन दिनों पारा गिरने से गलन काफी बढ़ गई है। इसके बावजूद मां के दर्शन के लिए भक्तों का उत्साह कम नहीं हो रहा है।

श्रद्धालुओं को कतारों में खड़े होने के दौरान ठंड से बचाने के लिए मंदिर प्रशासन ने परिसर के महत्वपूर्ण स्थानों पर 12 आधुनिक हीटर स्थापित किए हैं। यह कदम विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों के लिए राहत भरा साबित हो रहा है, जो कड़ाके की ठंड में घंटों अपनी बारी का इंतजार करते हैं।

प्रमुख मार्गों और परिक्रमा पथ पर विशेष व्यवस्था

प्रशासन द्वारा ये हीटर मंदिर के उन संवेदनशील हिस्सों में लगाए गए हैं जहा भक्तों का जमावड़ा सबसे अधिक रहता है। इनमें मुख्य झांकी मार्ग, पुरानी वीआईपी गली, न्यू वीआईपी मार्ग और मंदिर का परिक्रमा पथ शामिल है।

विंध्य विकास परिषद के निर्देशानुसार, इन हीटरों के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी मंदिर के सुरक्षा कर्मियों को सौंपी गई है ताकि इनका लाभ हर दर्शनार्थी को मिल सके।

स्थानीय प्रशासन और नगर पालिका का सहयोग

नगर पालिका परिषद मीरजापुर ने भी इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मंदिर के प्रवेश और निकास द्वारों पर टावर हीटर लगाए गए हैं। प्रशासन का कहना है कि आगामी दिनों में यदि ठंड और बढ़ती है, तो हीटरों की संख्या और भी बढ़ाई जा सकती है।

इसके साथ ही, श्रद्धालुओं के लिए रैन बसेरों में अलाव और गर्म पानी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।

श्रद्धालुओं और तीर्थ पुरोहितों ने की सराहना

मंदिर प्रशासन के इस संवेदनशील निर्णय की श्रद्धालुओं और स्थानीय तीर्थ पुरोहितों ने जमकर सराहना की है। पंडा समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि कड़ाके की गलन में नंगे पांव चलने वाले भक्तों के लिए यह व्यवस्था बहुत जरूरी थी।

दर्शन कर लौट रहे भक्तों ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हीटर लग जाने से मंदिर परिसर में अब रुकना आसान हो गया है और ठंड से काफी बचाव हो रहा है।

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