माघ मेला 2026: तैयारियों को 15 जनवरी तक पूरा करने का निर्देश, 12-15 करोड़ भक्तों के आने का अनुमान

तैयारियों को 15 जनवरी तक पूरा करने का निर्देश, 12-15 करोड़ भक्तों के आने का अनुमान
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मेले क्षेत्र को कई सेक्टरों में बांटा गया है, जहां पुलिस,पीएसी, और अर्धसैनिक बलों की कंपनियां तैनात की जाएंगी।

प्रशासन सुरक्षा, स्वच्छता, मूलभूत सुविधाओं, और यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है ताकि भक्तों को सुगम और सुरक्षित अनुभव मिल सके।

प्रयागराज : प्रयागराज माघ मेला 2026 की तैयारियों को लेकर प्रशासनिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। मंडलायुक्त ने सभी सम्बंधित विभागों को कड़े निर्देश जारी किए हैं कि मेले से जुड़े सभी कार्य हर हाल में 15 जनवरी, 2026 तक पूरे कर लिए जाएँ।

इस बार माघ मेले में लगभग 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जिसके लिए व्यापक स्तर पर इंतज़ाम किए जा रहे हैं।

तैयारियों की समय सीमा और प्रशासनिक निर्देश

चीफ सेक्रेटरी एस.पी. गोयल ने हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक में स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा, स्वच्छता, और मूलभूत सुविधाओं से संबंधित कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

उन्होंने जल निगम, पीडब्ल्यूडी, बिजली विभाग, और स्वास्थ्य विभाग को विशेष रूप से निर्देशित किया है कि घाटों का निर्माण, पानी की व्यवस्था, सड़कों की मरम्मत, बिजली की आपूर्ति और स्वास्थ्य शिविरों की स्थापना निर्धारित समय सीमा के भीतर पूरी हो जाए।

15 जनवरी के बाद किसी भी तरह के निर्माण कार्य की अनुमति नहीं होगी ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।

अनुमानित श्रद्धालु संख्या और सुरक्षा व्यवस्था

प्रशासन ने इस वर्ष माघ मेले में पिछले वर्षों की तुलना में अधिक भीड़ होने का अनुमान लगाया है, जिसके तहत 12 से 15 करोड़ श्रद्धालुओं की उपस्थिति की संभावना जताई जा रही है।

इस विशाल भीड़ को देखते हुए, सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व रूप से मज़बूत किया जा रहा है। मेले क्षेत्र को कई सेक्टरों और ज़ोनों में बांटा गया है, जहां पुलिस, पीएसी, और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त कंपनियाँ तैनात की जाएंगी।

भीड़ नियंत्रण के लिए ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा, साथ ही आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए एक त्वरित प्रतिक्रिया टीम भी गठित की गई है।

मूलभूत सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस

मेला क्षेत्र में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए शुद्ध पेयजल और स्वच्छता प्रमुख प्राथमिकता है। अस्थायी शौचालय और स्नानागार की संख्या बढ़ाई जा रही है और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

इसके अलावा, स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए कई अस्थायी अस्पताल और प्राथमिक उपचार केंद्र बनाए जा रहे हैं। इन केंद्रों पर चौबीसों घंटे डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ और ज़रूरी दवाइयां उपलब्ध रहेंगी, जिससे किसी भी आकस्मिक स्वास्थ्य समस्या का तुरंत समाधान किया जा सके।

यातायात प्रबंधन और घाटों की व्यवस्था

श्रद्धालुओं की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए यातायात प्रबंधन की विस्तृत योजना तैयार की गई है। शहर के प्रवेश मार्गों पर पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है और मेला क्षेत्र में भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, स्नान पर्वों पर सुरक्षित डुबकी के लिए गंगा और यमुना के तटों पर सुरक्षित घाटों का निर्माण किया जा रहा है।

इन घाटों पर जल पुलिस और गोताखोरों की तैनाती की जाएगी, और गहरे पानी को चिन्हित करने के लिए बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी की जा रही है ताकि किसी भी तरह के हादसे से बचा जा सके।


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