मौसम: राजस्थान में मानसून की विदाई से पहले सक्रियता बढ़ी, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज और येलो अलर्ट

Rajasthan Weather Alert: राजस्थान से अभी पूरी तरह मानसून की विदाई नहीं हो पाई है। मौसम विभाग ने सोमवार को उदयपुर एवं प्रतापगढ़ के जिलों के आसपास इलाकों में बारिश की संभावना जताई है। इस दौरान कई जिलों में मेघगर्जन के लिए येलो अलर्ट भी जारी किया है। यहां जानें सोमवार को कैसा रहेगा मौसम का हाल।
— मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर (@IMDJaipur) September 21, 2025
मौसम विभाग ने सोमवार को चेतावनी जारी की है कि उदयपुर एवं प्रतापगढ़ जिलों के आसपास हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, साथ ही एक‑दो दौर भारी बारिश संभव है। इस क्षेत्र में आकाशीय बिजली और मेघगर्जन होने की संभावना है, और हवाएं भी 30‑40 किमी/घंटा की रफ्तार से चल सकती हैं। डूंगरपुर, बांसवाड़ा तथा झालावाड़ जिलों को कुछ हल्की‑मध्यम बारिश और मेघगर्जन के लिए येलो अलर्ट दिया गया है। हालांकि मानसून की विदाई धीरे‑धीरे शुरू हो रही है, लेकिन पूर्वी‑दक्षिणी राजस्थान में बारिश और झड़ी बनी रहने की संभावना है।
प्रभावित इलाकों की स्थिति
सवाईमाधोपुर जिले के चौथ का बरवाड़ा उपखंड मुख्यालय और आसपास के इलाकों में मानसून की सक्रियता फिर से देखने को मिली है। बारिश से नदियां‑नाले उफान पर हैं। बीसलपुर और ईसरदा बांधों से कुछ पानी छोड़ा गया है, जिसकी वजह से चौंथ का बरवाड़ा से शिवाड़ जाने वाला मुख्य सड़क मार्ग बंद हो चुका है। सड़क मार्ग बंद होने के कारण स्थानीय लोगों को लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है। जहां सामान्य मार्ग लगभग 25 किलोमीटर होनी चाहिए, वहीं अब 70 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ रहा है।
सलाह
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग को चाहिए कि बंद सड़कों की सूचना त्वरित तरीके से व्यापक रूप से साझा करें ताकि लोग वैकल्पिक मार्ग चुन सकें। यात्री तथा स्थानीय लोग कृपया नदी‑नालों के किनारे और पुलों के पास जाने से बचें। तेज बहाव हो रहा हो, तो नदी पार करने की कोशिश न करें।
कृषि क्षेत्र के लिए सलाह: कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर खींच लें जहां पानी न पहुंचे। फसल के सूखने के उपाय करें
स्वास्थ्य सुरक्षा: बारिश के बाद पानी जमा होने से कीट‑मच्छर बढ़ सकते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया आदि रोगों का खतरा हो सकता है। साफ‑सफाई रखें, खतरा बढ़े क्षेत्रों में मास्क या अन्य सावधानी बरतें।
बिजली एवं सुरक्षा: आकाशीय बिजली व तूफ़ानी हवाओं के समय बाहर की गतिविधियाँ कम करें। बिजली उपकरणों को सुरक्षित रखें।
