Rajasthan: सिलीसेढ़ में बोरिंग के खिलाफ किसानों का उग्र विरोध, पुलिस ने ट्रैक्टर रैली को रोका

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हजारों किसान सिलीसेढ़ झील के पास बोरिंग परियोजना के खिलाफ आंदोलनरत। अलवर में ट्रैक्टर रैली को पुलिस ने रोका। किसान सीएम को पत्र भेजकर विरोध जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं।

Rajasthan: अलवर के सिलीसेढ़ झील क्षेत्र में प्रस्तावित बोरिंग परियोजना को लेकर किसानों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते दो हफ्तों से अधिक समय से धरने पर बैठे किसानों ने गुरुवार को अलवर शहर की ओर ट्रैक्टर रैली निकाली, लेकिन पुलिस ने उन्हें अहिंसा सर्किल पर रोक दिया। करीब 500 ट्रैक्टरों का काफिला जब शहर की ओर बढ़ा, तो प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग कर दी और बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई।

आंदोलन की पृष्ठभूमि
अलवर में जल संकट को दूर करने के लिए प्रशासन ने सिलीसेढ़ झील के आसपास 30 बोरवेल्स स्वीकृत किए हैं, जिनका शिलान्यास मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 20 मई को किया था। इस योजना के लिए आवश्यक बजट भी जारी कर दिया गया है। हालांकि इस परियोजना के विरोध में सिलीसेढ़ क्षेत्र के किसान लामबंद हो गए हैं। उनका कहना है कि बोरिंग से भूमिगत जलस्तर नीचे चला जाएगा, जिससे उनकी खेती प्रभावित होगी और आजीविका पर संकट आ जाएगा।

किसान नेता बोले: "पानी गया तो जीवन गया"
किसान नेता रामजी लाल बैंसला ने कहा, "हम शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखना चाहते हैं। हमारी ट्रैक्टर रैली किसी तरह की हिंसा नहीं बल्कि लोकतांत्रिक विरोध है। प्रशासन हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है।" उन्होंने बताया कि किसानों की तरफ से मुख्यमंत्री को पत्र लिखा जा रहा है और जब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिलता, धरना सिलीसेढ़ तिराहे पर जारी रहेगा।

बातचीत से नहीं बनी बात
गुरुवार सुबह जिला प्रशासन और किसान प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। किसान नेताओं ने साफ किया कि जब तक परियोजना को रद्द नहीं किया जाता या किसानों की सहमति नहीं ली जाती, आंदोलन जारी रहेगा।

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