Satta King: कौन है चित्तौड़गढ़ का सट्टा किंग?; पुलिस के हत्थे चढ़ा गिरोह तो खुले कई राज

Satta King: राजस्थान सहित देशभर में सट्टेबाजी का खेल जमकर फल-फूल रहा है। हार-जीत के खेल में रोज लाखों-करोड़ों के दांव लग रहे हैं। पुलिस भी मौका मिलते ही सटोरियों पर छापेमार कार्रवाई कर रही है। ताजा मामला चित्तौड़गढ़ का है। साइबर और भूपालसागर थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने कपासन में बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस ने ऑनलाइन सट्टा चलाने वाले तीन युवकों को दबोचा है। सटोरियों ने पूछताछ के पुलिस के सामने कई चौंकाने वाले राज उगले हैं।
पुलिस ने जाल बिछाकर दबोचा
एसपी सुधीर जोशी ने सट्टा खेलने और खिलाने वालों को धर-दबोचने के विशेष निर्देश दिए हैं। सोमवार को चित्तौड़गढ़ साइबर और भूपालसागर थाना पुलिस को सूचना मिली कि कपासन में विकास राव के निर्माणाधीन मकान में ऑनलाइन सट्टे का कारोबार चल रहा है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुकेश सांखला के नेतृत्व में पुलिस की टीम दबे पांव पहुंची। घेराबंदी कर पुलिस ने विकास राव (25), सौरभ आचार्य (20) और करण कुमावत (22) को गिरफ्तार किया। पुलिस ने आरोपियों से 11 एंड्रॉइड मोबाइल, दो स्कैनर मशीन, एक कार्ड स्वैप मशीन, एटीएम, चेक बुक और पासबुक जब्त की है।
बालमुकुंद है सट्टा किंग
आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि लोगों को लालच देकर ऑनलाइन सिस्टम से जोड़ते थे। ग्राहकों से ऑनलाइन पैसे लेकर सट्टा खिलाते थे। सटोरिया मास्टर आईडी से क्लाइंट आईडी और पासवर्ड बनाते थे। ग्राहकों को आईडी-पासवर्ड देकर उनके खातों में ऑनलाइन रुपए जमा कराते थे। क्लाइंट आईडी में रिचार्ज के बाद सट्टा शुरू होता था। ग्राहक मोबाइल में इंटरनेट ब्राउजर या ऐप से सट्टा खेलते थे। आरोपियों ने पुलिस को बताया-बालमुकुंद इनाणी उर्फ बुद्धिप्रकाश की ऑनलाइन सट्टा का मास्टरमाइंड है। बालमुकुंद ने सट्टे का नेटवर्क खड़ा किया है। बालमुकुंद ने ही तीनों युवकों को सट्टा खिलाने की ट्रेनिंग दी थी।
(Disclaimer: देश में सट्टेबाजी गैर-कानूनी है। यह आर्थिक जोखिमों के आधीन है। इसमें लत लगना स्वाभाविक है। हरिभूमि डिजिटल किसी भी प्रकार की सट्टेबाजी और हार-जीत के दावों को प्रमोट नहीं करता है)