राजस्थान में यहां बिछेगा रेल लाइन का जाल: रींगस-खाटूश्यामजी प्रोजेक्ट को मिली रफ्तार, अधिसूचना जारी

Ringas Khatushyamji Railway Line
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रींगस-खाटूश्यामजी रेलवे लाइन के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी, 8 अगस्त से अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू, 254 करोड़ की परियोजना को मिली रफ्तार।

Railway News: राजस्थान में लंबे समय से विवादों और स्थानीय विरोध की वजह से अटके पड़े रींगस-खाटूश्यामजी रेल परियोजना को स्वीकृति मिल गई है। उत्तर पश्चिमी रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी रेलमार्ग के लिए भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी कर दी है। अब 8 अगस्त को लगभग 24.28 हैक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। भविष्य में खाटू से सुजानगढ़ तक विस्तार करने की भी योजना है।

रेलवे की इस घोषणा के बाद क्षेत्र में हलचल तेज हो गई है। परियोजना के तहत जिन गांवों की भूमि अधिग्रहीत की जाएगी उनमें रींगस, कोटड़ी धायलान, चारणवास, पीरावली, देवीपुरा, लांपुवा, तपीपल्या, आभावास, कैरपुरा और खाटूश्यामजी शामिल हैं। अधिसूचना में संबंधित किसानों के नाम और बैंक विवरण भी शामिल किए गए हैं।

स्थानीय विरोध के बावजूद सरकार ने दिखाई स्पष्टता

गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट के खिलाफ ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से मिलकर निर्माण रुकवाने की मांग की थी। भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों में चिंता रही है, लेकिन अब अधिसूचना जारी होने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि सरकार इस रेल परियोजना को प्राथमिकता दे रही है।

254 करोड़ रुपये की परियोजना

मार्च 2024 में केंद्र सरकार ने इस 17.49 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन के लिए 254.06 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया था। रेलवे ने पहले ही सर्वे पूरा कर स्टेशन स्थल तय कर दिए हैं। स्थानीय विरोध के चलते बीच में काम रुक गया था, लेकिन अब नई अधिसूचना से पुनः निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी ट्रेन

रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह नया रूट हाई-स्पीड ट्रेन संचालन के लिए तैयार किया जाएगा, जिसकी अधिकतम गति 160 किमी प्रति घंटा होगी। इसके लिए विशेष प्रकार की ट्रैक इंजीनियरिंग, सिग्नलिंग, और फेंसिंग का काम किया जाएगा ताकि सुरक्षा मानकों पर कोई समझौता न हो।

भविष्य में खाटू से सुजानगढ़ तक विस्तार

रींगस-खाटूश्यामजी परियोजना के बाद रेलवे खाटू से सुजानगढ़ (वाया सालासर) तक रेल लाइन विस्तार की योजना पर भी काम कर रहा है। पहले चरण में खाटू से पलसाना तक सर्वे और मार्किंग की जा चुकी है।

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