Doctors Strike: राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल, इलाज के लिए घंटों इंतजार; मरीज बेहाल

Rajasthan Doctors Strike
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उदयपुर में करंट से डॉक्टर की मौत और जोधपुर में आत्महत्या के मामले के बाद 1150 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें, कई सर्जरी टलीं।

Doctors Strike: राजस्थान के दो प्रमुख शहरों उदयपुर और जोधपुर में रेजिडेंट डॉक्टरों की सामूहिक हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। करीब 1,150 रेजिडेंट डॉक्टर काम छोड़कर प्रदर्शन पर उतर आए हैं, जिससे मरीजों को घंटों इंतजार के बाद भी इलाज नहीं मिल पा रहा है।

उदयपुर में करंट से डॉक्टर की मौत बनी हड़ताल की वजह
उदयपुर के रवींद्रनाथ टैगोर (RNT) मेडिकल कॉलेज में बुधवार देर रात करंट लगने से रेजिडेंट डॉक्टर रवि शर्मा की मौत हो गई। बताया गया कि घटना हॉस्टल में वाटर कूलर से पानी भरते वक्त हुई। इस हादसे से नाराज करीब 600 रेजिडेंट डॉक्टरों ने गुरुवार से कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया है। डॉक्टर्स की मांग है कि कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. विपिन माथुर तत्काल इस्तीफा दें। उनका आरोप है कि व्यवस्थाओं की लापरवाही के कारण यह दुखद घटना हुई।

जोधपुर में सुसाइड केस ने बढ़ाई टकराव की आग
वहीं, जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज से जुड़े डॉ. राकेश विश्नोई की आत्महत्या का मामला भी गरमाया हुआ है। शुक्रवार को 550 रेजिडेंट डॉक्टरों ने सभी विभागों की सेवाएं छोड़ते हुए विरोध दर्ज करवाया। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं अभी चालू रखी गई हैं। डॉ. राकेश की आत्महत्या की निष्पक्ष जांच और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की मांग करते हुए डॉक्टरों ने धरना शुरू किया है।

मरीजों का हाल बेहाल
उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल, जनाना, बाल चिकित्सालय, टीबी हॉस्पिटल समेत कई अस्पतालों में सेवाएं ठप हैं। रोजाना जहां 4,000–5,000 मरीज OPD में आते थे, वहां अब इलाज के लिए 2 से 3 घंटे तक लाइन में लगना पड़ रहा है।

ऑपरेशन टले, प्रशासन ने लगाए फैकल्टी डॉक्टर
एमबी हॉस्पिटल सहित अन्य अस्पतालों में कई सर्जरी टाल दी गई हैं। प्रशासन ने व्यवस्था बनाए रखने के लिए 150 फैकल्टी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई है, लेकिन वह भी अपर्याप्त साबित हो रही है।

कोटा में काली पट्टी पहनकर विरोध
इन घटनाओं को लेकर कोटा मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी विरोध जताया है। एमबीएस, जेकेलोन, एसएसबी, न्यू मेडिकल कॉलेज और रामपुरा अस्पताल के 600 से अधिक रेजिडेंट डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं।

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