Rajasthan News: रेलवे ट्रैक पर मवेशी छोड़ा तो होगी कार्रवाई, जयपुर मंडल में चला अभियान

train (फाइल फोटो)
Rajasthan News: रेलवे ट्रैक पर मवेशियों की आवाजाही अब केवल एक लापरवाही नहीं, बल्कि दंडनीय अपराध मानी जाएगी। जयपुर रेलवे मंडल ने ऐसे मामलों पर सख्ती बरतने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। अभियान का उद्देश्य रेल परिचालन को सुचारु बनाए रखना और दुर्घटनाओं की रोकथाम करना है।
तेज रफ्तार ट्रेनों के बीच मवेशी बनते हैं खतरा
जयपुर मंडल में कई प्रमुख ट्रेनों की गति 130 किमी प्रति घंटा तक होती है। ऐसी स्थिति में यदि ट्रैक पर मवेशी आ जाएं, तो हादसे की संभावना बढ़ जाती है। इसके चलते न केवल ट्रेनों का समय प्रभावित होता है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। हालांकि रेलवे द्वारा मुख्य रूटों पर फेंसिंग (बाड़बंदी) की गई है, लेकिन फिर भी कुछ क्षेत्रों में मवेशियों के ट्रैक पर पहुंचने की घटनाएं सामने आती रही हैं।
इंजीनियरिंग विभाग और आरपीएफ की संयुक्त मुहिम
जयपुर मंडल के डीआरएम रवि जैन के निर्देश पर इंजीनियरिंग विभाग और रेलवे सुरक्षा बल (RPF) मिलकर अभियान चला रहे हैं। इस अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि वे अपने मवेशियों को रेलवे ट्रैक के आसपास न ले जाएं। रेलवे ट्रैक के किनारे चराई पर रोक लगाई जा रही है और ग्रामीणों को रेलवे परिसरों में मवेशियों को न लाने के लिए सचेत किया जा रहा है।
रेलवे संपत्ति में अवैध प्रवेश पर सजा का प्रावधान
सीनियर डीसीएम पूजा मित्तल ने जानकारी दी कि रेलवे की सीमा में बिना अनुमति प्रवेश करने या रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कड़ा दंड तय है। रेलवे अधिनियम के तहत दोषी व्यक्ति को छह महीने तक की जेल, एक हजार रुपये तक जुर्माना या दोनों सजा हो सकती है।
