Good News: राजस्थान में कम जमीन में कर सकेंगे सस्ती बिजली उत्पादन, सरकार ने हटाई 3 हेक्टेयर जमीन की बाध्यता

Rajasthan: राजस्थान में अब कम जमीनों पर सस्ती बिजली उत्पादन किया जा सकेगा। कम जमीन में बिजली उत्पादन करने से बिजली की दर भी कम होगी। अभी तक सोलर (ट्रैकर के साथ) और विंड प्लांट में एक मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए 3 हेक्टेयर की जरूरत होती थी, जिसे कम कर 2 हेक्टेयर कर दिया गया है। यानी कि अब 3 हेक्टेयर वाली बाध्यता को समाप्त कर दिया गया है।
बता दें, 1 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए अब केवल 2 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। अब ज्यादा क्षमता के सोलर पैनल और विंड मील आ रही हैं, जिसके कारण कम जमीन की जरूरत पड़ती है। इससे सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि कम निवेश में बिजली उत्पादन किया जा सकेगा।
वर्तमान में एक मेगावाट के प्लांट से एक साल में करीब 17 लाख यूनिट बिजली उत्पादन की जा रही है। पहले 150 वॉट पीक तक के सोलर मॉड्यूल आते थे, जिसकी वजह से सोलर पैनल ज्यादा लगाने के लिए अधिक जमीन की जरूरत पड़ती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। वर्तमान में 550 वॉट पीक क्षमता तक के मॉड्यूल आ रहे हैं। जिसकी वजह से अब पैनल की क्षमता बढ़ने के साथ ही कम जमीन पर ज्यादा बिजली उत्पादन किया जा सकता है।
थर्मल से सस्ती पड़ेगी अक्षय ऊर्जा
- थर्मल पावर प्लांट से बिजली 3 से 5 रुपए प्रति यूनिट खरीदारी की जा रही है।
- सौर ऊर्जा से न्यूनतम 2.24 रुपए प्रति यूनिट।
- पवन ऊर्जा से 2.44 रुपए प्रति यूनिट।
