Who is Ravindra Singh Bhati Lok Sabha elections 2024: लोकसभा चुनाव का आगाज हो गया है। राजस्थान का एक युवा नेता इन दिनों देश भर में सुर्खियां बटोर रहा है। लोकसभा चुनाव लड़ने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। इस युवा नेता से सीएम भजनलाल ने भी जयपुर में मुलाकात की, लेकिन कोई हल नहीं निकला। यह युवा बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक है। जिसका नाम है रविंद्र सिंह भाटी।

बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी सोशल मीडिया में काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। रविन्द्र के पीछे युवाओं का हुजूम चलता है। जिसके कारण भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों की चिंताएं बढ़ गई हैं। उनका वीडियो भी सोशल मीडिया में काफी तेजी के साथ वायरल होता है। आइए जानते हैं कौन हैं युवा नेता रविंद्र सिंह भाटी।

छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके रविंद्र
रविंद्र सिंह भाटी का जन्म राजस्‍थान में बाडमेर जिले के एक गांव दुधौड़ा में हुआ। दुधौड़ा गांव भारत-पाकिस्‍तान बॉर्डर से सटा हुआ है, जो शिव विधानसभा क्षेत्र में आता है। रविंद्र सिंह भाटी जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी के छात्र नेता रह चुके हैं। वह पढ़ाई के दौरान ही एबीवीपी छात्र नेता से राजनीति की शुरुआत करनी चाही, लेकिन विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में उन्हें टिकट नहीं मिला। टिकट न मिलने से नाराज भाटी निर्दलीय चुनाव लड़कर छात्रसंघ अध्यक्ष बन गए। इतना ही नहीं उन्होंने 57 साल के इतिहास को पीछे छोड़ दिया। 

लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
साल 2023 के विधानसभा चुनाव से भाटी मुख्यधारा की राजनीति में जुड़े। विधानसभा चुनाव के चंद दिन पहले ही भाटी ने जयपुर में भाजपा प्रभारी अरुण सिंह और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में बीजेपी का दामन थाम लिया। युवा नेता रविंद्र भाजपा के टिकट से चुनावी मैदान में उतरना चाहते थे, लेकिन भाजपा ने टिकट काट कर स्वरूप सिंह खारा को मैदान में उतार दिया, तो वह बगावत कर बैठे और निर्दलीय ताल ठोक दी। 

एक बार फिर चर्चा में आए रविन्द्र सिंह भाटी
शिव विधानसभा से अमीन खान 5 बार के विधायक रहे हैं, लेकिन रविंद्र भाटी के मैदान में उतरने से सभी नेताओं की मुश्किलें बढ़ गईं। जब विधानसभा चुनाव का परिणाम आया, तो पता चला कि जिस पार्टी से वह टिकट मांग रहे थे। वही भाजपा प्रत्याशी चौथे नंबर पर रहे और निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी ने जीत अपने नाम कर ली। विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा चुनाव में रविंद्र एक बार फिर सुर्खियां बटोर रहे हैं। एक बार फिर निर्दलीय लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे हैं। अगर ऐसे में रविंद्र लोकसभा चुनाव में ताल ठोंकेंगे तो भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों को काफी नुकसान हो सकता है।