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Rajasthan Suicide Case: पाली जिले में एक युवक के पुलिस कस्टडी में सुसाइड करने का मामला सामने आया है। आरोपी युवक ने गुरुवार देर रात करीब 3:15 बजे लॉकअप में बंद कंबल को काटकर उसका फंदा बना लिया और लटक गया। जिसमें उसकी मौत हो गई।

Rajasthan Suicide Case: पाली जिले में एक युवक के पुलिस कस्टडी में सुसाइड करने का मामला सामने आया है। आरोपी युवक ने गुरुवार देर रात करीब 3:15 बजे लॉकअप में बंद कंबल को काटकर उसका फंदा बना लिया और लटक गया। जिसमें उसकी मौत हो गई। युवक को पुलिस ने किडनैप-गैंगरेप के मामले में गिरफ्तार किया था।

दरअसल यह मामला पाली जिले के जैतारण थाने का है। जहां पुलिस के मुताबिक गुरुवार शाम को 5:30 बजे चांवडिया कलां गांव निवासी राकेश सीरवी (30) को किडनैप और गैंगरेप मामले में गिरफ्तार किया था। पुलिस कस्टडी में रात करीब डेढ़ बजे ड्यूटी ऑफिसर ने जब हवालात को चेक किया था, तब सब सही था। लेकिन देर रात उसने फंदे में झूल गया। 

CCTV में रिकॉर्ड हुई घटना
पुलिस के मुताबिक उसी बैरक में एक और आरोपी सो रहा था, जिसे NDPS एक्ट में गिरफ्तार किया है। उसने ही वहां पर मौजूद पुलिस वालों को इस घटना की जानकारी दी। हालांकि फंदा लगाने के पूरे घटनाक्रम का CCTV वीडियो भी पुलिस के पास मौजूद है।

परिजनों ने टार्चर और मारपीट का लगाया आरोप
इस घटना की सूचना पाकर मौके पर जैतारण डीएसपी सीमा चोपड़ा, ASP हिमांशु जांगिड़ और जैतारण SDM श्‍यामसुंदर विश्‍नोई भी थाने पहुंचे। थाने में SDM की मौजूदगी में वीडियोग्राफी कर शव को फंदे से नीचे उतारकर सरकारी अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। हालांकि इस मामले में परिजनों ने पुलिस पर युवक को टॉर्चर कर मारने का आरोप लगाया है। परिजनों ने बताया कि पुलिस ने 5 दिन पहले पकड़ा था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी गुरुवार को दिखाई।

5 दिन पहले घर से उठाकर लाई पुलिस
वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता किशोर चौधरी ने कहा, कि शुक्रवार को सुबह मुझे सूचना मिली कि एक युवक ने पुलिस कस्टडी में सुसाइड कर लिया। जबकि परिजनों ने हमसे बताया कि पुलिस उसे 5 दिन पहले घर से उठाकर लाई है और गुरुवार को गिरफ्तारी दिखाई। इस दौरान तीन दिनों तक उसको टॉर्चर कर मारपीट की गई।

प्रशासन से जांच के लिए लगाई गुहार
चौधरी ने कहा कि इस दौरान युवक डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लिया। हम प्रशासन से इस मामले की जांच करने का अनुरोध करते हैं। पुलिस द्वारा युवक को तीन दिन तक गिरफ्तारी नहीं दिखाना और टॉर्चर करना गलत है। जबिक परिजनों ने बताया है, कि उनसे पैसों की डिमांड की जा रही थी। पैसे के चक्कर में 3 दिन तक गिरफ्तारी नहीं दिखाई।

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