राजस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर्स का दूसरे दिन भी हड़ताल जारी: ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाएं हो रही प्रभावित

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राजस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर।
राजस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर स्टाइपेंड और सुरक्षा व्यवस्था सहित कई अन्य मांगों को लेकर दूसरे दिन भी हड़ताल पर है। जिसकी वजह से मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

Rajasthan News: राजस्थान में रेजिडेंट डॉक्टर स्टाइपेंड और सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने को लेकर दूसरे दिन भी हड़ताल पर है। लेकिन आज सोमवार को दूसरे दिन सीनियर डॉक्टरों ने इस हड़ताल का समर्थन नहीं किया है। हड़ताल की वजह से मरीजों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में करीब 100 से ज्यादा ऑपरेशन पेंडिंग हैं। इसके अलावा भी प्रदेश के लगभग सभी अस्पतालों में यही हाल है। हालांकि इस मामले को लेकर SMS हास्पिटल के इमरजेंसी डिपार्टमेंट ने कॉलेज प्रिंसिपल को पत्र लिखा है। जिसमें हड़ताल में शामिल पीजी रेजिडेंट्स का लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है।

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18 महीने में चौथी बार हड़ताल पर डॉक्टर
बता दें, शनिवार की रात 8 बजे से ही हड़ताल पर गए डॉक्टरों ने ओपीडी, आईपीडी और इमरजेंसी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया है। जिसका प्रभाव देखने को मिला। यह 18 महीने में चौथी बार है जब प्रदेश के डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं।

सीनियर डॉक्टरों ने हड़ताल से खुद को रखा दूर
प्रदेश के डॉक्टरों का हड़ताल में दो गुट हो गया है। जिसमें सीनियर डॉक्टरों ने खुद को हड़ताल से दूर रखा है, तो वहीं जूनियर डॉक्टरों ने खुद को काम से दूर रखा है। सीनियर डॉक्टरों के अनुसार दिसंबर-जनवरी में एग्जाम हैं इसलिए सेवाएं जारी रखने का फैसला लिया गया है।

क्या हैं मांगें

  • रेजिडेंट डॉक्टर की मांगे हैं कि स्टूडेंट्स को मिल रहे स्टाइपेंड में बढ़ोतरी की जाए और हर साल निश्चित दर से उसमें वृद्धि की जाए।
  • इसके अलावाल पीजी या सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरों को उनकी योग्यता के आधार पर नौकरी देने के लिए विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) की सीधी भर्ती की जाए।
  • हॉस्पिटल, मेडिकल कॉलेज में सुरक्षा व्यवस्था और बुनियादी ढांचे को पूर्व में हुए समझौते के अनुसार व्यवस्था की जाए।
  • हॉस्टल की व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाए। इसके साथ ही वर्तमान अनिवार्य बॉन्ड नीति में संशोधन किया जाए।
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