Ayodhya Ram Mandir का संकल्प पूरा, 33 साल बाद पक्के घर में प्रवेश करेंगे राजस्थान के दीपाराम माली, 20 की उम्र में गए थे जेल 

Deepa ram Mali Jailor  Rajasthan
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जालौर जिले के दीपाराम जिन्होंने राम मंदिर बनने के बाद बनवाया अपने लिए घर
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े दीपाराम माली 20 साल की उम्र में 18 कारसेवकों के साथ जेल गए थे। जेल में ही मंदिर निर्माण तक मकान न बनाने का संकल्प लिया था।

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में नवनिर्मित रामलला का मंदिर करोड़ों भक्तों की आस्था का प्रतीक तो है ही। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े उन योद्धाओं की त्याग और तपस्या का प्रतिफल भी है। आज राजस्थान के एक ऐसे ही रामभक्त से रूबरू कराते हैं, जिन्होंने 33 साल सिर्फ इसलिए पक्का मकान नहीं बनाया, क्योंकि उसके आराध्य रामलला टेंट के नीचे स्थापित हैं। यह भक्त जालौर के दीपाराम माली हैं।

Ram mandir Ajodhya
अयोध्या में बनाया जा रहा राम मंदिर

दीपाराम माली जालौर जिले के भीनमाल गांव में रहते हैं। 1990 में श्रीराम जन्मभूमि आन्दोलन से जुड़े थे। 1990 में ही उन्होंने अयोध्या जाकर प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक रामलला का मंदिर नहीं बन जाता, तब तक वह अपने लिए घर नहीं बनाएंगे। 33 साल बाद मंदिर बनकर तैयार हुआ तो दीपाराम ने भी अपने लिए पक्का मकान बनवा लिया है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन ही वह गृह प्रवेश भी करने जा रहे हैं।

जेल में लिया था प्रण, 33 साल कच्चे घर में रहे
इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के व्यवसायी दीपाराम पिछले 33 साल से ईंटों से बने से कच्चे घर में रह रहे थे। में परिवार सहित रह रहे थे। दीपाराम 20 साल की उम्र में राम मंदिर के लिए जेल चले गए थे। बताया कि 18 कारसेवकों के साथ अयोध्या पहुंचे और आठ दिन आगरा जेल में बंद रहे। राम मंदिर न बनने तक नया मकान न बनाने का प्रण जेल में ही लिया था।

5 अगस्त को रखी थी पहली ईंट
दीपाराम ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस दिन राम मंदिर निर्माण के लिए फैसला दिया था, उस दिन मैंने भी नया घर बनाने का निर्णय लिया और प्लॉट खरीदा था। 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर का शिलान्यास किया था। उसी दिन दीपाराम ने मकान निर्माण की पहली ईंट रखी थी। अब 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा वाले दिन ही गृह प्रवेश करने की तैयारी कर रखी है।

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