Rajasthan: राजस्थान में भारी बारिश के बाद भी सूखा रह गया यह बांध, पेयजल संकट मंडराया

Balsamand Dam
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जालोर के भीनमाल में अब तक सिर्फ 383 मिमी बारिश हुई है। बालसमंद बांध सूखा पड़ा है, जिससे पेयजल संकट की आशंका बढ़ रही है। जानिए क्या है हाल?

Rajasthan: राजस्थान में साल 2025 में काफी बारिश हुई। जिसकी वजह से कई जिलों में बाढ़ के हालात बन गए। वहीं कुछ जिले ऐसे भी हैं जहां अभी भी पानी का संकट मंडरा रहा है। ऐसा ही एक जिला है जालोर, जहां का प्रमुख जलस्रोत बालसमंद बांध इस बार भी पूरी तरह से सूखा पड़ा है। बांध के सूखे रहने से लोगों ने चिंता जताई है।

अब तक सिर्फ 383 मिमी बारिश

जालोर के भीनमाल में अब तक मात्र 383 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो सामान्य औसत से काफी कम है। जून में एक बार तेज बारिश हुई थी, जिससे बांध में थोड़ी बहुत पानी की आवक हुई थी, लेकिन उसके बाद बारिश न होने से जलस्तर घटता चला गया और बांध फिर से सूख गया।

जलाशयों और नदियों में भी सूखा

कम बारिश के चलते न सिर्फ बालसमंद, बल्कि आसपास के अन्य तालाब, नाडियां और जलाशय भी सूखे पड़े हैं। नदियों में जल प्रवाह न होने से इन जलाशयों को भरने की कोई संभावना नहीं बन रही है। यही कारण है कि क्षेत्र का भूमिगत जलस्तर भी नीचे चला गया है, जिससे भविष्य में पेयजल संकट और अधिक गहरा सकता है।

पांच वर्षों से सूखा पड़ा है बालसमंद

बालसमंद बांध की भराव क्षमता 101 एमसीएफटी है, लेकिन वह पिछले पांच वर्षों से लगातार सूखा पड़ा हुआ है। 2022 में 'बिपरजॉय' चक्रवात के चलते बांध में कुछ जलभराव जरूर हुआ था, लेकिन वह भी अधिक समय तक टिक नहीं सका।

टैंकरों पर बढ़ेगा बोझ

स्थानीय प्रशासन को अंदेशा है कि यदि आने वाले सप्ताहों में बारिश नहीं हुई, तो शहर को जलापूर्ति के लिए पूरी तरह टैंकर व्यवस्था पर निर्भर रहना पड़ेगा। यह स्थिति पहले भी कई बार उत्पन्न हो चुकी है, जब गर्मियों और मानसून की कमी के कारण लोगों को दूर-दूर से पानी मंगवाना पड़ा।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि बालसमंद बांध का भराव क्षेत्र हर साल उम्मीद की नजरों से देखा जाता है, लेकिन लगातार सूखे पड़ते मौसम ने अब आशाएं कम कर दी हैं। यदि जल्द ही झमाझम बारिश नहीं हुई, तो इस साल पेयजल का बड़ा संकट उत्पन्न हो सकता है। बांधों में पानी की कमी से ना सिर्फ जनजीवन प्रभावित होगा, बल्कि कृषि और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में भी असर पड़ेगा।

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