JDA: जयपुर को ट्रैफिक जाम से राहत दिलाएंगे 4 मेगा प्रोजेक्ट्स, 600 करोड़ की लागत से होगा तैयार

जयपुर विकास प्राधिकरण
Jaipur Development Authority: जयपुर में लगातार बढ़ते ट्रैफिक दबाव और रेलवे फाटकों पर लगने वाले जाम को देखते हुए जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने चार बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की योजना तैयार की है। इनमें दो रेलवे ओवरब्रिज (ROB) और दो एलिवेटेड रोड कॉरिडोर शामिल हैं। अनुमानित खर्च 500 से 600 करोड़ रुपये के बीच होगा, और निर्माण कार्य अगले 2-3 महीनों में शुरू होने की उम्मीद है। इन परियोजनाओं के पूरा होने पर शहर के प्रमुख क्षेत्रों में यातायात का प्रवाह सुगम होगा और रोजाना करीब 5 लाख से अधिक वाहन चालकों को ट्रैफिक से राहत मिलेगी।
प्रोजेक्ट 1 (सालिग्रामपुरा आरओबी)
स्थान: जयपुर-सवाईमाधोपुर रेलवे लाइन पर स्थित सालिग्रामपुरा फाटक
स्थिति: पाइल टेस्टिंग और लेवल सर्वे कार्य प्रारंभ
लंबाई: 700 मीटर
चौड़ाई: 4 लेन
लागत: ₹77.91 करोड़
फायदा: लगभग 50 हजार वाहन रोज जाम से बचेंगे
रूट: टोंक रोड से महल रोड तक
निर्माण आरंभ: अगले सप्ताह
निर्माण पूर्ण: अगस्त 2027
प्रोजेक्ट 2: (सीबीआई फाटक आरओबी, जगतपुरा)
स्थान: इंदिरा गांधी नगर और मालवीय नगर को जोड़ेगा
स्थिति: पाइल टेस्टिंग कार्य जारी
लंबाई: 600 मीटर
चौड़ाई: 4 लेन
लागत: ₹60–70 करोड़
फायदा: रोजाना करीब 50 हजार वाहनों का समय बचेगा।
निर्माण पूर्ण: जुलाई 2027
प्रोजेक्ट 3 (सांगानेर एलिवेटेड रोड)
स्थान: टोंक रोड से चौरडिया पेट्रोल पंप तक
स्थिति: टेंडर स्क्रूटनी प्रक्रिया जारी, दिवाली तक निर्माण कार्य प्रारंभ होने की संभावना
लंबाई: 2 किमी
चौड़ाई: 4 लेन
लागत: ₹230 करोड़
फायदा: न्यू सांगानेर रोड और मालपुरा गेट की बेहतर कनेक्टिविटी, करीब 1.5 लाख वाहन चालकों को राहत
निर्माण पूर्ण: वर्ष 2028 तक
प्रोजेक्ट 4 (गुर्जर की थड़ी एलिवेटेड रोड)
स्थान: त्रिवेणी पुलिया से गुर्जर की थड़ी तक
स्थिति: अगले महीने से निर्माण कार्य प्रारंभ
लंबाई: 2.1 किमी
चौड़ाई: 4 लेन
लागत: ₹180 करोड़
फायदा: प्रतिदिन लगभग 3 लाख वाहन चालकों को जाम से मुक्ति 15-20 मिनट का सफर घटकर 5 मिनट में तय हो सकेगा, चार प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा
निर्माण पूर्ण: मार्च 2028 (30 माह में पूरा होने का अनुमान)
जेडीए के अनुसार चारों प्रोजेक्ट्स कार्य पूर्ण होने से शहर के भीतर तेज, सुरक्षित और सुगम यातायात सुचारू रूप से चालू हो जाएगा। इन योजनाओं के चालू होने से न केवल स्थानीय नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होंगी, क्योंकि इससे ईंधन की बचत, प्रदूषण में कमी और समय की बचत होगी।
