राजस्थान में मानसून का तांडव: कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और टोंक में बाढ़, सेना और NDRF ने संभाला मोर्चा

राजस्थान में भारी बारिश का कहर: कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर और टोंक में बाढ़, सेना और NDRF ने संभाला मोर्चा
हाइलाइट्स
- राजस्थान में मानसून की वापसी ने मचाई तबाही, सेना-SDRF तैनात
- कोटा-बूंदी में 66 साल का रिकॉर्ड टूटा
- बूंदी में 13 इंच बारिश, जनजीवन अस्त-व्यस्त
- सवाई माधोपुर में नाव पलटी, पुलिया टूटी
- 9 जिलों में स्कूल बंद
- 11 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी
राजस्थान में मानसून ने एक बार फिर से तांडव मचाया है। बीते कुछ दिनों से राज्य के कई हिस्सों, खासकर कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, और टोंक जैसे जिलों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
मौसम विभाग के अनुसार, बूंदी के नैनवा में पिछले 24 घंटों में रिकॉर्ड 502 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो इस मौसम की सबसे भारी बारिश है। भारी बारिश के कारण निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
कई गांव पानी में डूब गए हैं, और लोग अपने घरों में फंस गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) ने राहत और बचाव कार्यों की कमान संभाल ली है।
#WATCH | कोटा, राजस्थान: भारी बारिश के कारण कोटा में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। pic.twitter.com/xOB7xDbS2H
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 23, 2025
कोटा और बूंदी में सेना ने करीब 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया, जबकि टोंक के नैनवा में 100 से अधिक लोगों को बचाया गया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और आपदा राहत मंत्री किरोड़ी मीणा ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और राहत कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए।
राजस्थान में भारी बारिश से बाढ़ के हालात
— Weatherman Rajasthan (@Rajsthanweather) August 23, 2025
1. अरनेठा बालोद स्टेट हाइवे ( बूंदी ) ⛈️
2. बनास नदी , बीसलपुर के पास ( टोंक ) ⛈️
3. शाहपुरा , भीलवाड़ा बाजार डूबा
4. बूंदी शहर बाजार बना नदी pic.twitter.com/x3JMoJESsF
मौसम विभाग ने भिलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जबकि कोटा, बूंदी, उदयपुर, और अन्य जिलों में ऑरेंज अलर्ट लागू है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर यातायात रुक गया है और रेलवे ट्रैक पर मिट्टी का कटाव होने से कुछ ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। स्कूलों को बंद कर दिया गया है और प्रशासन राहत शिविरों में लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान कर रहा है।
