कोटा: छात्रा की शिकायत पर शिक्षा मंत्री ने शिक्षिका को किया निलंबित, जानिए वजह

Rajasthan News: राजस्थान के शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने रविवार को कोटा जिले के मोड़क गांव में एक बैठक आयोजित की। इस दौरान राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, मोड़क की भौतिक विज्ञान शिक्षिका सविता मीणा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के निर्देश दिए। जानिए क्या है पूरा मामला।
छात्रा ने लगाई थी गंभीर आरोपों की गुहार
जानकारी के अनुसार मंत्री जी ने बैठक के दौरान कक्षा 11वीं की छात्रा आयुषी कुमावत से बातचीत की, जिसमें आयुषी ने मंत्री के समक्ष अपनी आपबीती रखी। छात्रा ने बताया कि विद्यालय के पुस्तकालय को लेकर उसके चाचा और शिक्षिका सविता मीणा के बीच विवाद हुआ था। इस घटना के बाद, छात्रा का आरोप है कि शिक्षिका ने बदले की भावना से उसे परीक्षा में जानबूझकर अनुत्तीर्ण कर दिया।
आयुषी का कहना है कि उसने जब इस अन्याय के खिलाफ शिकायत की, तो पुनः जांच के बाद उसे सप्लीमेंट्री दी गई, जिसमें उसने 70.40 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। फिर भी उसे फेल करार दिया गया, जबकि उससे कम अंक प्राप्त करने वाले अन्य विद्यार्थियों को पास कर दिया गया।
शिक्षा मंत्री ने दिए कड़े निर्देश
छात्रा की शिकायत पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मौके पर मौजूद अधिकारियों से मामले की पूरी जानकारी ली। जांच में यह सामने आया कि संबंधित शिक्षिका के खिलाफ पूर्व में भी कई शिकायतें दर्ज हैं। बताया गया कि उन्हें पूर्व में एपीओ किया गया था, लेकिन वह न्यायालय से स्थगन आदेश (स्टे) लेकर पुनः नियुक्ति पा गई थीं।
मंत्री ने कहा, “जो शिक्षक बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करे और व्यक्तिगत द्वेष के चलते विद्यार्थियों के भविष्य को प्रभावित करे, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई जरूरी है।” उन्होंने मौके पर ही शिक्षिका को तत्काल निलंबित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
स्थानीय लोगों ने की मंत्री की सराहना
मोहल्ला बैठक में बड़ी संख्या में स्थानीय लोग उपस्थित थे, जिन्होंने शिक्षा मंत्री के इस त्वरित फैसले का समर्थन किया। लोगों का कहना है कि छात्रों को निष्पक्ष शिक्षा मिलना उनका अधिकार है, और इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई होना जरूरी है।
पूर्व की शिकायतों की होगी जांच
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, सविता मीणा के खिलाफ पहले भी अनुशासनहीनता, विद्यार्थियों के साथ दुर्व्यवहार और शिक्षा व्यवस्था में बाधा डालने की शिकायतें मिली थीं। अब इन सभी शिकायतों की पुनः समीक्षा की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ, तो विभागीय जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।