RIP Rameshwar Dudi: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रामेश्वर डूडी का निधन, 62 वर्ष की आयु में ली अंतिम सांस

राजस्थान कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी का 62 साल की उम्र में निधन
जयपुर: राजस्थान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी का शनिवार को 62 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। डूडी के निधन से राजस्थान की राजनीति में बड़ा शून्य पैदा हो गया है।
डूडी को उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में किसानों की मजबूत आवाज के रूप में पहचाना जाता था। सादगी भरे जीवन और जनसेवा के लिए उन्होंने हमेशा लोगों के बीच खास पहचान बनाई।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा- "राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।"
राजस्थान विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री रामेश्वर डूडी जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है।
— Bhajanlal Sharma (@BhajanlalBjp) October 4, 2025
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने परमधाम में स्थान दें व शोकाकुल परिवारजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी डूडी के निधन पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा- "डूडी ने हर भूमिका का निर्वहन बखूबी किया। वे मेरे साथ सांसद, विधायक और नेता प्रतिपक्ष रहे। किसानों के लिए उनका योगदान अमूल्य है।"
पूर्व नेता प्रतिपक्ष एवं बीकानेर से सांसद रहे श्री रामेश्वर डूडी का निधन बेहद दुखद है। करीब 2 साल तक बीमार रहने के बाद इतनी अल्पायु में उनका जाना हमेशा खलता रहेगा। यह मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर एक आघात है।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 4, 2025
श्री रामेश्वर डूडी ने अपनी हर भूमिका का निर्वहन अच्छे से किया। वो मेरे… pic.twitter.com/MPbZzMDiiU
रामेश्वर डूडी का राजनीतिक सफर
प्रारंभिक राजनीति: रामेश्वर डूडी ने राजनीति की शुरुआत एनएसयूआई से छात्र राजनीति में की।
पंचायती राज: 1995 में वे नोखा के प्रधान बने और स्थानीय स्तर पर सक्रिय राजनीति में अपनी पहचान बनाई।
सांसद: डूडी को बीकानेर से लोकसभा सांसद बनने का मौका मिला, जहां उन्होंने किसानों और आमजन के मुद्दे उठाए।
विधानसभा और नेता प्रतिपक्ष: राजस्थान विधानसभा में वे कांग्रेस विधायक दल के नेता (नेता प्रतिपक्ष) भी रहे और विधानसभा में विपक्ष की आवाज बने।
किसानों की आवाज: डूडी को विशेष रूप से किसानों के नेता के तौर पर पहचाना जाता था। उन्होंने राजस्थान के मरुस्थलीय इलाकों और ग्रामीण जनता की समस्याओं को हमेशा उठाया।
