बूंदी: मासूम के साथ क्रूरता की हदें पार, मुंह में पत्थर ठूंस फेंका गया मासूम, 3 लोग हिरासत में

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राजस्थान के बूंदी में 15 दिन के नवजात के साथ अमानवीय क्रूरता, पत्थरों में फेंका गया बच्चा गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती, 3 लोग हिरासत में।

Rajasthan: बूंदी जिले के बिजौलिया क्षेत्र में मंगलवार को सामने आई एक हृदयविदारक घटना ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। केलव पंद्रह दिन के एक नवजात शिशु को पत्थरों के बीच फेंकने और उसके मुंह में पत्थर भरकर होंठ फेविक्विक से चिपकाने जैसी अमानवीय घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया। घटना के बाद लोगों में काफी आक्रोश है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी लड़की और उसके पिता समेत 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिससे पूछताछ की जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार मासूम को पहले बेचने की कोशिश की गई थी, और जब यह प्रयास सफल नहीं रहा, तो उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया। इस दौरान जब बच्चा रोने लगा तो आरोपियों ने नवजात के मुंह में पत्थर ठूंसकर, होंठों को फेविक्विक से चिपका दिया ताकि बच्चा रो न सके और किसी का ध्यान उसकी ओर न जाए। यह भयावह दृश्य तब सामने आया जब सीतामाता कुंड के पास कुछ चरवाहों ने पत्थरों के बीच पड़े एक छोटे से बच्चे को देखा। जानकारी मिलते ही ग्रामीण इकठ्ठे हो गए और बच्चे के मुंह से पत्थर निकाले तो वह जोर-जोर से रोने लगा। जिसके बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

महात्मा गांधी अस्पताल के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती

मासूम काफी समय तक गर्म पत्थरों पर पड़ा रहा जिसकी वजह से उसके नन्हे पैर झुलस गए। बिजौलिया अस्पताल में प्राथमिक उपचार कराया गया लेकिन उसकी हालत काफी नाजुक थी। जिसको देखते हुए उसे भीलवाड़ा रेफर कर दिया गया। वर्तमान में मासूम का इलाज महात्मा गांधी अस्पताल के एनआईसीयू वार्ड में चल रहा है।

स्वस्थ्य होने में 15 दिन का लग सकता है समय

इस घटना को लेकर बाल रोग विभाग की प्रमुख डॉ. इंदिरा सिंह चौहान ने बताया कि शिशु की हालत स्थिर नहीं है। अगले 72 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं। श्वसन में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन शरीर के घावों को पूरी तरह भरने में कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है। बाल कल्याण समिति ने इस नवजात को ‘तेजस्व’ नाम दिया है।

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