सूबेदार भंवरलाल महला का हार्ट अटैक से निधन: अंतिम विदाई में तिरंगे के साथ उमड़ा जनसैलाब

Subedar Bhanwarlal Mehla
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Rajasthan: झुंझुनूं जिले के निवासी और भारतीय सेना में 2 जाट रेजीमेंट से जुड़े सूबेदार भंवरलाल महला का 43 वर्ष की उम्र में हृदयगति रुकने से निधन हो गया।

Rajasthan: झुंझुनूं जिले के बास नानक गांव के निवासी और भारतीय सेना में 2 जाट रेजीमेंट से जुड़े सूबेदार भंवरलाल महला का 43 वर्ष की उम्र में हृदयगति रुकने से निधन हो गया। वे कुछ दिन पहले ही छुट्टी लेकर अपने गांव आए थे। मंगलवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बीडीके अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पोस्टमार्टम बीडीके अस्पताल में किया गया।

भंवरलाल महला के निधन की खबर से बास नानक गांव सहित आसपास के क्षेत्रों में शोक की लहर दौड़ गई है। ग्रामीणों ने उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए विशेष तैयारी की है। राणासर से बास नानक तक लगभग 5 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सैकड़ों युवा भाग लेंगे और राष्ट्रध्वज के साथ उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।

देशभक्ति की मिसाल रहा महला परिवार
भंवरलाल महला वर्ष 1998 में भारतीय सेना से जुड़े थे और उन्होंने देशभर में कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अपनी सेवाएं दीं। वर्तमान में उनकी पोस्टिंग लेह स्थित 5RR यूनिट में थी। वे न केवल अनुशासित और कर्तव्यनिष्ठ सैनिक थे, बल्कि अपने मिलनसार स्वभाव और सामाजिक गतिविधियों के लिए भी पहचाने जाते थे।

महला का परिवार भी पूरी तरह से सेना की सेवा में समर्पित रहा है। उनके पिता महादाराम महला सेना से हवलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, ताऊ फूलचंद और चाचा ताराचंद भी सेना में हवलदार रह चुके हैं। यहां तक कि उनके आठ चचेरे भाई वर्तमान में सेना में कार्यरत हैं। यह परिवार वर्षों से राष्ट्र सेवा की मिसाल बना हुआ है।

पारिवारिक जीवन और समाजसेवा
सूबेदार भंवरलाल महला अपने पीछे पत्नी, एक बेटा और एक बेटी को छोड़ गए हैं। उनकी बेटी बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई कर रही है, जबकि बेटा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटा है। परिवार के अन्य सदस्य मेहनत-मजदूरी और शिक्षा के क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं।

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